Mumbai News: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई की तरफ बढ़ रहे मनोज जरांगे पाटिल के मार्च पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर मुंबई में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी तो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.
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Maratha Reservation March: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर समाज के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने 20 जनवरी से जालना से मुंबई की ओर अपनी यात्रा शुरू की थी. आज यात्रा के छठे दिन जरांगे पाटिल अपने हजारों समर्थकों के साथ नवी मुंबई के वाशी में पहुंच चुके हैं. वाशी में छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर अपने समर्थकों के साथ जनसभा करने के बाद वह मुंबई की ओर आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि वो आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं और अपने समाज को उसका हक दिलाने से पहले शांत नहीं बैठेंगे.
मुंबई में आने से रोकने की कोशिश
इस बीच राज्य सरकार पूरी कोशिश में जुटी है की पाटिल और उनके लाखों समर्थकों को मुंबई आने से रोका जा सके. इसी को लेकर एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली राज्य सरकार का प्रतिनिधि मंडल आज मनोज पाटिल से मुलाकात कर उन्हें समझने और आरक्षण के लिए सर्वेक्षण शुरू कराने के लिए कुछ और वक्त की मांग करने जा रही है. हालांकि जरांगे पाटिल अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं और वो मुंबई के मशहूर आजाद मैदान से अपने अनशन को एक बार फिर शुरू करने वाले हैं.
छुट्टियां कैंसिल 44 हजार पुलिसकर्मियों को व्यवस्था में लगाया
वहीं शहर में बड़ी भीड़ के जुटने के कारण सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंतित मुंबई पुलिस ने पाटिल को नोटिस थमा दिया है. इसके साथ ही आने वाले तीन दिनों के लिए सभी जवानों की छुट्टियों को रद्द कर दिया है. सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए मुंबई पुलिस ने अपने 44 हजार जवानों को व्यस्था में लगाया है. ऐसे में सभी की निगाहें अब मनोज जरांगे पाटिल की ओर लगी हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट का रोक लगाने से इंकार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई की तरफ बढ़ रहे मनोज जरांगे पाटिल के मार्च पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर मुंबई में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी तो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.
Manoj Jarange Patil: कौन है मनोज जरांगे पाटिल?
मनोज जारांगे पाटिल महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन के चेहरा हैं. जारांगे ने 12वीं में ही पढ़ाई छोड़ दी थी और आंदोलन शुरू कर दिए थे. उन्होंने बीते 12 साल में जारांगे ने 30 से ज्यादा बार आरक्षण आंदोलन किया है. मनोज जारांगे पाटिल मूल रूप से बीड जिले के मातोरी गांव से हैं. फिलहाल वे अपने परिवार के साथ जालना में रहते हैं. 2010 में मनोज 12वीं क्लास में थे, तभी उन्होंने पढ़ाई छोड़ी और आंदोलन से जुड़ गए. उन्होंने अपनी आजीविका चलाने के लिए होटल में काम किया. 12 साल में मनोज ने करीब 30 बार मराठा आरक्षण आंदोलन किया है. 2016 से 2018 तक भी उन्होंने जालना में आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व किया. आरक्षण से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए जारांगे ने 'शिवबा' नामक संगठन बनाया है
मनोज जारांगे के परिवार की आर्थिक स्थिति खास अच्छी नहीं है. उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी, तीन भाई और चार बच्चे हैं. जब संगठन चलाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे, तब उन्होंने अपनी 2 एकड़ जमीन बेच दी थी. मनोज के नेतृत्व में साल 2021 में जालना के पिंपलगांव में तीन महीने तक आरक्षण के लिए धरना दिया था.