पटाखों की खरीद के लिए जो ग्राहक आ भी रहे हैं वो ज्यादा कीमत होने की वजह से कम खरीददारी कर रहे हैं. इसके साथ ही ग्राहक दिल्ली में पटाखे खरीदने से पहले ये भी जानना चाहते हैं कि ये पटाखे एनवायरमेंट फ्रेंडली हैं या नहीं और इससे कितना कम प्रदूषण फैलेगा.
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नई दिल्लीः दिवाली का त्योहार करीब आ रहा है. ऐसे में राजधानी के बाजार ग्रीन पटाखों से सज चुके हैं लेकिन खरीददार बहुत कम नजर आ रहे हैं. दिल्ली में पटाखों की सबसे बड़ी होलसेल मार्केट सदर बाजार भी ग्राहकों के इंतजार में है. पटाखों की खरीद के लिए जो ग्राहक आ भी रहे हैं वो ज्यादा कीमत होने की वजह से कम खरीददारी कर रहे हैं. इसके साथ ही ग्राहक दिल्ली में पटाखे खरीदने से पहले ये भी जानना चाहते हैं कि ये पटाखे एनवायरमेंट फ्रेंडली हैं या नहीं और इससे कितना कम प्रदूषण फैलेगा.
30% कम प्रदूषण फैलाते हैं ग्रीन पटाखे
ग्रीन पटाखों से 30 फीसदी तक कम प्रदूषण होता है. लिहाजा दिल्ली सरकार की तरफ से भी ग्रीन क्रैकर्स के इस्तेमाल की अपील की गई है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय मंगलवार को खुद ये सुनिश्चित करने के लिए सदर बाजार पहुंचे कि मार्केट में ग्रीन क्रैकर्स की बिक्री हो. इन दिनों फुलझड़ी 450 रुपये तो अनार 350 रुपये तक के बिक रहे हैं.
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इन जगहों पर जलाए जाएंगे पटाखे
दिवाली की चमक कम न हो जाए इसलिए दिल्ली सरकार ने शहर में 824 से ज्यादा खुली जगहों की सूची जारी की है, जहां लोग दिवाली के दिन रात 8 बजे से 10 बजे के बीच ग्रीन पटाखे जला सकेंगे. दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर प्रकाशित 824 स्थानों की लिस्ट में पार्क, खाली प्लॉट, स्कूल के खेल के मैदान शामिल हैं. इसमें मयूर विहार में बुद्ध पार्क, चाणक्यपुरी के बी ब्लॉक में एक पार्क, लक्ष्मीबाई नगर में रामलीला मैदान, करोल बाग में अजमल खान पार्क, मोती नगर में सुदर्शन पार्क, दिल्ली छावनी में वेस्ट महराम नगर, साकेत में होटल लीला के सामने सीबीडी ग्राउंड और गांधी पार्क भी शामिल हैं. राजधानी में वायु प्रदूषण और कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए लोगों से इस बार दिवाली में पटाखे न जलाने की भी अपील की जा रही है.
93 फैक्ट्रियों के पास ग्रीन पटाखे बनाने का लाइसेंस
पटाखों के थोक कारोबारियों की मानें तो कोरोना-लॉकडाउन के चलते ज्यादातर फैक्ट्रियों में ताला लग गया है. लॉकडाउन के बाद गिनती की कुछ फैक्ट्रियों में पटाखे बने. कारोबारियों की मानें तो पिछले वर्षों की तुलना में 20 फीसद माल ही बाजार में उपलब्ध है. दिल्ली-एनसीआर की डिमांड को देखते हुए ये बेहद कम है.
जेब पर भारी ग्रीन पटाखों की खरीद
गौरतलब है कि साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश को मद्देनजर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि राज्य सरकार ने केवल ग्रीन पटाखे बनाने और बेचने की इजाजत दी है, जिनमें पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषक तत्व होते हैं. साथ ही उनमें आवाज भी कम होती है. पिछले साल तक सिर्फ फुलझड़ी, रॉकेट और अनार के ही ग्रीन पटाखे बाजार में उपलब्ध थे. लेकिन इस बार कई और ऑप्शन भी लोगों को मिलेंगे. हालांकि ऑप्शंस भले ही ज्यादा हों लेकिन ग्रीन पटाखे जेब पर बेहद भारी पड़ते हैं. दिल्ली-एनसीआर में अभी से ही ग्रीन पटाखों के दाम आसमान छू रहे हैं. फुलझड़ी से लेकर अनार और रॉकेट तक पर कोरोना-लॉकडाउन की मार दिखाई दे रही है.
दिल्ली में पटाखों के दाम
अनार- 150-350 रुपये
चकरी- 50-350 रुपये
फुलझड़ी- 10-450 रुपये
रॉकेट- 60-300 रुपये
स्काई शॉट- 90-700 रुपये
रंगीन रोशनी वाले माचिस- 50-100 रुपये
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