मथुरा हिंसा: सांसद हेमा मालिनी को जवाहरबाग जाने से रोका गया, शहीद SP के परिवार से की मुलाकात
Advertisement

मथुरा हिंसा: सांसद हेमा मालिनी को जवाहरबाग जाने से रोका गया, शहीद SP के परिवार से की मुलाकात

अपने लोकसभा क्षेत्र मथुरा में खूनी हिंसा के बाद यहां पहुंचीं अभिनेत्री और बीजेपी सांसद हेमामालिनी को शनिवार को जवाहरबाग जाने से रोका गया। जानकारी के अनुसार, पार्टी आलाकमान की फटकार के बाद फिल्म की शूटिंग छोड़ मथुरा पहुंची हेमा मालिनी को पुलिस ने मथुरा के जवाहरबाग जाने से रोक दिया।

मथुरा हिंसा: सांसद हेमा मालिनी को जवाहरबाग जाने से रोका गया, शहीद SP के परिवार से की मुलाकात

मथुरा : अपने लोकसभा क्षेत्र मथुरा में खूनी हिंसा के बाद यहां पहुंचीं अभिनेत्री और बीजेपी सांसद हेमामालिनी को शनिवार को जवाहरबाग जाने से रोका गया। जानकारी के अनुसार, पार्टी आलाकमान की फटकार के बाद फिल्म की शूटिंग छोड़ मथुरा पहुंची हेमा मालिनी को पुलिस ने मथुरा के जवाहरबाग जाने से रोक दिया। घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल में देखने के बाद हेमा मालिनी आज सुबह जवाहरबाग पहुंची थीं, जहां उन्‍हें पुलिस के विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस ने सांसद को जवाहरबाग के अंदर घुसने से मना कर दिया। जिसके कारण निराश सांसद हेमा मालिनी को जवाहरबाग के गेट लौटना पड़ा। हेमा जवाहरबाग का निरीक्षण करने पहुंचीं थीं।

पुलिस ने कहा कि उक्त इलाके में अब भी तलाश अभियान ऑपरेशन जारी है इसलिए वहां किसी भी असैन्य व्यक्ति का जाना प्रतिबंधित है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इसमें कोई विशेष बात नहीं है। मथुरा से सांसद हेमामालिनी को रोकने के पीछे पुलिस की कोई विशेष मंशा नहीं है और उनका इरादा साफ है। अभी पूरा इलाका सुरक्षित घोषित नहीं हुआ है। पुलिस और विशेषज्ञों के दल चप्पे-चप्पे की छानबीन कर रहे हैं कि कहीं कोई विस्फोटक न छिपा हो। यदि ऐसे में वीआईपी या किसी भी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना घट जाती है तो जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।

हेमा मालिनी ने मथुरा हिंसा के मामले में सीबीआई जांच की मांग भी की है। उन्होंने अस्‍पताल में घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात भी की और उनके हालचाल जाने। इसके बाद, हेमा मालिनी अतिक्रमणकारियों के साथ संघर्ष में मारे गए एसपी मुकुल द्विवेदी के घर गईं। मथुरा में हुए खूनी संघर्ष के बाद हेमा मालिनी अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचीं और उन्‍होंने आज शहीद एसपी मुकुल द्विवेदी के परिवार वालों से मुलाकात की। उनका कहना है कि वो एक कलाकार हैं, इसलिए मुंबई अपने काम के सिलसिले में गई थीं लेकिन जैसे ही उन्हें घटना की जानकारी मिली वो मथुरा चली आईं। उन्होंने इस घटना के लिए स्थानीय प्रशासन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी उनके अधिकार में नहीं।

मथुरा में हिंसा के बीच यहां अपनी फिल्म की शूटिंग की तस्वीरें साझा कर अभिनेत्री और सांसद हेमामालिनी न केवल आलोचनाओं के घेरे में आ गईं बल्कि उनकी पार्टी के लिए भी असहज स्थिति उत्पन्न हो गई। हेमा मथुरा से सांसद हैं जहां गुरुवार को अतिक्रमणकारियों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष में एक पुलिस अधीक्षक और एक थाना प्रभारी सहित 24 लोग मारे गए। अतिक्रमणकारियों ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर रखा था जिन्हें हटाने के लिए गई पुलिस और उनके बीच टकराव हो गया।

67 वर्षीय अभिनेत्री ने सारा दोष अखिलेष यादव सरकार पर मढ़ कर अपनी चूक को दबाने की कोशिश की। भाजपा सांसद ने कहा कि घटना के लिए उन पर कोई दोष नहीं देना चाहिए क्योंकि वह स्थिति का पूर्वानुमान नहीं लगा सकतीं। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने शुक्रवार को इस मामले में पुलिस एवं जिला प्रशासन की कथित ढिलाई और समाजवादी पार्टी सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए शनिवार को कलक्ट्रेट पर धरना दिए जाने की घोषणा की थी। सांसद भी धरने में शामिल होने पहुंची थीं। हेमामालिनी ने इससे पूर्व घायल पुलिसकर्मियों से अस्पताल जाकर मुलाकात की थी। उन्होंने मीडिया से कहा कि मुझे वाकई बहुत दुख है कि मुकुल द्विवेदी एवं संतोष यादव जैसे दो कर्मठ पुलिस अधिकारियों को हमने इस प्रकार खो दिया। उन्होंने कहा कि अगर जिला प्रशासन ने थोड़ी भी सूझबूझ से काम लिया होता, तो आज इतनी बड़ी क्षति न होती। यह अखिलेश सरकार की कानून और व्यवस्था को भली प्रकार से कायम न रख पाने की सबसे बड़ी विफलता है। उन्होंने आज मथुरा पहुंचने की भी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की थी।

हेमा ने अपनी आगामी फिल्म ‘एक थी रानी’ की मुंबई शूट की तस्वीरें ट्विटर पर डालीं लेकिन फिर उन्होंने तस्वीरें हटा दीं और संघर्ष में लोगों के मारे जाने पर शोक जताया। बहरहाल वह सोशल मीडिया पर आलोचनाओं के घेरे में आ गईं। शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर हेमा ने उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इसे टाला जा सकता था। प्रशासन ऐसे लोगों को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त अधिकार मांगता रहा लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें आगे जाने के अधिकार दिए ही नहीं।

Trending news