AAP ने जीती थी सबसे ज्यादा सीटें
पिछले साल 4 दिसंबर को हुए MCD चुनाव में AAP ने कुल 250 में से 134 सीटें जीती थी. इसके साथ ही उसने एमसीडी में पिछले 15 साल से चले आ रहे बीजेपी के शासन को खत्म कर दिया था. इस चुनाव में बीजेपी को 104 वार्डों और कांग्रेस को 9 वार्डों पर जीत मिली थी. सीटों के लिहाज से आम आदमी पार्टी का दावा मेयर पद के लिए भारी माना जा रहा है.
चुनाव में कौन-कौन करेगा मतदान
मेयर के चुनाव (MCD Mayor Election 2023) के लिए दिल्ली के 250 पार्षद अपने वोट डालेंगे. उनके अलावा दिल्ली में लोकसभा के सभी सातों सांसद और राज्यसभा के 3 सांसद भी अपने वोट डालेंगे. दिल्ली विधानसभा की ओर से नामित 14 विधायक भी इन चुनावों में वोटिंग करेंगे. इसके लिए दिल्ली असेंबली के स्पीकर ने आम आदमी पार्टी के 13 और बीजेपी के एक विधायक को नामित किया है. इन सबको मिलाकर निर्वाचक मंडल बनेगा. दोनों में से जिस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा वोट हासिल होंगे, वह दिल्ली का नया मेयर बन जाएगा.
डिप्टी मेयर और स्थाई समिति सदस्यों का भी चुनाव
आज होने वाले नगर निगम चुनाव में मेयर (MCD Mayor Election 2023) के अलावा डिप्टी मेयर और स्थाई समिति के 6 सदस्यों का भी चुनाव होना है. डिप्टी मेयर के पद के लिए AAP की ओर से आले मोहम्मद इकबाल और बीजेपी से कमल बागड़ी उम्मीदवार हैं. वहीं स्थाई समिति के 6 पदों के लिए कुल 7 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें AAP की ओर से रमिंदर कौर, मोहिनी जीनवाल, आमिल मलिक और सारिका चौधरी का नाम है. वहीं बीजेपी की ओर से पंकज लूथरा, कमलजीत शेहरावत और गजेन्द्र दराल उम्मीदवार हैं.
दिल्ली को 10 साल मिलेगा 'एक' मेयर
अगर आज वोटिंग हो जाती है तो दिल्ली को 10 साल बाद अपना 'एक' महापौर मिल जाएगा. वर्ष 2012 में MCD का तीन अलग-अलग नगर निगमों में विभाजन हुआ था. इसके साथ तीनों नगर निगमों में अलग-अलग मेयर बना था. केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में उत्तर दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड), दक्षिण दिल्ली नगर निगम (104 वार्ड) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (64 वार्ड) का आपस में विलय कर दिया गया था. इसके साथ ही तीनों वार्डों की संयुक्त संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी गई थी. दिल्ली नगर निगम का गठन अप्रैल 1958 में हुआ था और उसके महापौर के पास 2012 तक प्रभावशाली शक्तियां थीं.
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