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नई दिल्ली: देश की राजधनी दिल्ली (Delhi) का व्यापारिक हब कहे जाने वाले चांदनी चौक (Chandni Chowk) बाजार में इन दिनों एक इमारत खूब सुर्खियां बटोर रही है, जो देखने में बिल्कुल जयपुर के हवा महल (Hawa Mahal) की तरह लगती है. यही कारण है कि इस बिल्डिंग पर अब विवाद भी खड़ा हो गया है, और दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (Delhi MCD) ने इसे अवैध बताते हुए तोड़ने के आदेश दे दिए हैं.
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस जगह पर पहले एक होटल हुआ करता था, जिसे अंकित नाम के एक व्यापारी ने खरीद लिया और उसके बाद बिल्डिंग में बदलाव को लेकर नए निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए. जिसके बाद इस दुकान के बाहर का डिजाइन कुछ ऐसा तैयार किया गया कि देखने में जयपुर के हवा महल जैसा लगे. होटल मालिक के अनुसार, इसका उद्देश्य लोगों को संस्कृति और हैरिटेज के लिए जागरूक करना था, जबकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने इमारत में किसी तरह के छेड़छाड़ ना कहे जाने की बात कहते हुए तोड़े जाने की चेतावनी दी थी.
MCD के मुताबिक, इस पुरानी इमारत में गैर-कानूनी तरीके से कुछ बदलाव किए गए हैं. जिसके बाद चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव और स्थानीय दुकानदारों ने चांदनी चौक के संरक्षण को लेकर इसे अवैध बताते हुए केंद्र, राज्य सरकार के साथ ही MCD से कार्रवाई की मांग की थी. इसी के तहत कार्रवाई करते हुए विभाग ने दुकान के मालिक को नोटिस जारी किया गया जिसमें किसी भी तरह के स्ट्रक्चरल चेंज में परिवर्तन ना करते हुए राजस्थानी कलाकृति तुरंत हटाने के आदेश दिए गए.
MCD ने अपने नोटिस में ये भी कहा कि वह न सिर्फ इस सजावट को हटाए, बल्कि इमारत को उसकी पुरानी शक्ल में वापस भी लाए. ऐसा ना करने की दिशा में नॉर्थ एमसीडी की कार्रवाई होगी और पूरी इमारत को तोड़ दिया जाएगा. वहीं इस बिल्डिंग के मालिक अंकित ने MCD पर आरोप लगाए हैं कि, 'बिल्डिंग को तोड़ने का मुझे कोई नोटिस नहीं दिया गया है. मैंने इस बिल्डिंग को ऐतिहासिक विरासत के रूप में इसलिए बनाने का प्लान किया क्योंकि चांदनी चौक में कई टूरिस्ट आते हैं जो पुरानी विरासत को देखना पसंद करते हैं. लेकिन MCD यह कहकर इसे तोड़ रही है कि इसमें अवैध अतिक्रमण किया जा रहा है.'
बता दें चांदनी चौक का पूरा इलाका शाहजहानाबाद डेवलपमेंट बोर्ड के तहत एक स्पेशल जोन है. ऐसे में इमारतों के साथ किसी भी तरीके की छेड़छाड़ करने की अनुमति नहीं दी गई है. इन बिल्डिंग्स की सिर्फ मरम्मत कराई जा सकती है, और इसके लिए भी पहले MCD की विशेष मंजूरी की आवश्यकता होती है. ऐसा इसलिए ताकि पुरानी दिल्ली के क्षेत्र की जो हेरिटेज है उसे संजोकर रखा जाए.
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