पंजाब: इस परिवार ने खून देने में बना डाले बड़े-बड़े रिकॉर्ड, लिम्का बुक में दर्ज हुआ नाम
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पंजाब: इस परिवार ने खून देने में बना डाले बड़े-बड़े रिकॉर्ड, लिम्का बुक में दर्ज हुआ नाम

मोहाली की जसवंत कौर और उनके पति बलवंत सिंह. जसवंत कौर और बलवंत सिंह ने अब तक 77 लीटर खून दान किया है. दंपति के एक बेटा और एक बेटी है. इन दोनों ने भी करीब 40 लीटर रक्तदान किया है. 

यह दंपति न सिर्फ एक साथ रक्तदान करता है बल्कि एक रंग के कपड़े भी पहनता है.

मोहाली, कुलवीर दीवान: आइए आपको मिलवाते हैं एक ऐसे दंपति से, जिसने खून देने में बड़े-बड़े रिकॉड बना डाले हैं. लिम्का बुक तक में इनका नाम दर्ज है. ये हैं, मोहाली की जसवंत कौर और उनके पति बलवंत सिंह. जसवंत कौर और बलवंत सिंह ने अब तक 77 लीटर खून दान किया है. दंपति के एक बेटा और एक बेटी है. इन दोनों ने भी करीब 40 लीटर रक्तदान किया है. यानी ये परिवार अब तक करीब 117 लीटर खून दान कर चुका है. 

  1. अब तक करीब 77 लीटर खून दान कर चुका है ये दंपति
  2. लिम्का बुक, ग्लोबल बुक, चैंपियन वर्ल्ड बुक और इंडिया बुक में नाम दर्ज 
  3. दंपति के बच्चों ने भी करीब 40 लीटर खून दान किया 

रक्तदान महादान होता है और जसवंत कौर एवं उनके पति बलवंत सिंह ने इस संदेश का महत्व समझा. उनकी सेवा को सूबे की सरकार, धार्मिक, सामाजिक संगठनों और कार्पोरेट घरानों ने भी सलाम किया. पिछले 26 साल से लगातार 96 बार रक्तदान कर चुके इस जोड़े का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के अलावा ग्लोबल वर्ल्ड बुक, यूनिक वर्ल्ड बुक, चैंपियन वर्ल्ड बुक और इंडिया बुक जैसी कई रिकॉर्ड बुक्स में दर्ज हो चुका है. 

रिसर्च के लिए शरीर भी दान किया
यह पंजाबी जोड़ा मरणोपरांत रिसर्च के लिए अपना शरीर भी दान करना चाहता है. इसके लिए उन्होंने PGI चंडीगढ़ में पंजीकरण करवा है. 62 वर्षीय जसवंत कौर बताती हैं कि रक्तदान का ये सिलसिला साल 1991 से शुरू हुआ. रक्तदान करने से उनके मन को सुकून मिलता था. इसलिए उन्होंने अपने पति बलवंत सिंह को भी इसके लिए प्रेरित किया. 

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खास मौकों पर करते हैं रक्तदान
63 साल के बलवंत सिंह ने बताया कि दोनों पति-पत्नी साल में 4 बार रक्तदान करते हैं. नए साल यानी 1 जनवरी को, 7 अप्रैल (वर्ल्ड हेल्थ डे), 5 जुलाई (शादी की सालगिरह) और 1 अक्टूबर (वॉलेंटरी नेशनल डे) के मौके पर वह अपना खून दान करते हैं. खास बात तो ये है कि यह दंपति न सिर्फ एक साथ रक्तदान करता है बल्कि एक रंग के कपड़े भी पहनता है. 

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रक्तदान संस्था भी बनाई
रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए दोनों ने वर्ष 1994 में बाबा शेख फरीद ब्लड डोनर काउंसिल नाम की एक संस्था बनाई है. इस संस्था में कुल 30 सदस्य हैं. अभी तक 145 शिविर लगाकर संस्था करीब 21 हजार यूनिट रक्त इकठ्ठा कर चुकी है. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि दान दिया गया खून का एक-एक कतरा संकट की संकट के समय पीड़ित व्यक्ति को नया जीवन देने में अहम भूमिका निभाता है. 

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