केंद्र पर बरसे सत्‍यपाल मलिक, कहा- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसी भी मंत्री को घुसने नहीं दिया गया
Advertisement
trendingNow11117504

केंद्र पर बरसे सत्‍यपाल मलिक, कहा- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसी भी मंत्री को घुसने नहीं दिया गया

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने कहा है कि वो राज्यपाल के पद पर उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद खुद देशभर का दौरा कर, किसानों को एकजुट करेंगे. क्योंकि मामला अभी जस का तस बना हुआ है.

केंद्र पर बरसे सत्‍यपाल मलिक, कहा- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसी भी मंत्री को घुसने नहीं दिया गया

जींद: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कथित किसान आंदोलनकारियों की ओर से पिछले साल लाल किले पर 'निशान साहिब' फहराये जाने को सही ठहराते हुए कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं था. किसान आंदोलन के लिए एक बार फिर केंद्र सरकार और उसके नेताओं की तीखी आलोचना करते हुए मलिक ने किसानों का आह्वान किया कि वे सत्ता बदलने और किसानों की सरकार बनाने के लिए एकजुट हों.

  1. केंद्र पर फिर बरसे राज्यपाल सत्यपाल मलिक
  2. किसान आंदोलन को लेकर साझा की ये बात
  3. पद की परवाह किए बगैर किसानों की आवाज उठाई: मलिक

उन्होंने कहा कि वह राज्यपाल के पद पर उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद खुद देशभर का दौरा कर, किसानों को एकजुट करेंगे. मलिक का कहना था कि (सरकार ने) किसानों से आधा-अधूरा समझौता कर उन्हें (धरने से) उठा दिया गया, लेकिन मामला जस का तस है.

नया आरोप

राज्यपाल ने आरोप लगाया 'प्रधानमंत्री के एक दोस्त पानीपत में 50 एकड़ क्षेत्र में गोदाम बनाकर सस्ते भाव में गेहूं खरीदने का सपना पाले हुए हैं.' मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक रविवार को यहां गांव कंडेला में आयोजित कंडेला खाप एवं माजरा खाप द्वारा आयोजित किसान सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे. 

पद की परवाह नहीं

मलिक ने यह भी खुलासा किया कि उनके कुछ मित्रों ने सलाह दी थी कि वह उपराष्ट्रपति या राष्ट्रपति बन सकते हैं इसलिए उन्हें चुप रहना चाहिए. लेकिन, मलिक के अनुसार, 'मैंने उन्हें कहा कि मैं इन पदों की परवाह नहीं करता.' उन्होंने यह भी कहा कि उनके लिए राज्यपाल का पद महत्वपूर्ण नहीं है. उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे सत्ता बदलने के लिए एकजुट हों और दिल्ली में अपनी सरकार बनाएं ताकि उन्हें किसी से कुछ न मांगना पड़े बल्कि लोग उनसे मांगे.

मलिक ने आक्रोश जताते हुए कहा कि कहा कि प्रधानमंत्री का आवास (किसानों के धरना स्थल से) सिर्फ 10 किलोमीटर दूर था, और एक साल से अधिक समय तक चले उनके आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में किसानों की जान गई. मलिक ने कहा ‘लेकिन सरकार की तरफ से कोई संवेदना प्रकट करने नहीं आया.’

किसान आंदोलन को समर्थन

पिछले साल 26 जनवरी को कथित आंदोलनकारियों द्वारा दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर निशान साहिब का झंडा फहराए जाने को सही ठहराते हुए मलिक ने कहा कि वह फैसला गलत नहीं था. उन्होंने कहा कि जिस निशान साहिब को फहराया गया, वह उनका (किसानों का) हक था.

मलिक ने अनुच्छेद 370 के बारे में कहा कि जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने का निर्णय लिया तो राजनीतिक बवाल मच गया था. उन्होंने कहा कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने खून की नदियां बहने की बात कही, तो वहीं नेश्नल कॉन्फ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला ने कहा था कि देश का झंडा कोई नहीं उठाएगा. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करके जिन नेताओं को जेल में डाला गया, प्रधानमंत्री ने उन्हें रिहा करवाकर चाय पिलाई.

खापों से अपील

उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव के बारे में मलिक ने कहा कि अभी नतीजे तो नहीं आए हैं, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसी भी मंत्री को नहीं घुसने दिया गया. उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को उन्होंने दौड़ते हुए देखा है.

खापों द्वारा आयोजित इस समारोह के दौरान ‘किसान सम्मान रत्न’ से सम्मानित किए जाने के बाद मलिक ने इसे उन किसानों के परिजन को समर्पित दिया जिनकी किसान आंदोलन के दौरान जान गई. मलिक ने खापों के प्रति समर्थन जताते हुए लड़कियों की पढ़ाई, सामूहिक भोज पर रोक लगाने और दहेज प्रथा को बंद करने की अपील की. समारोह में कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश, माजरा खाप के प्रधान महेंद्र रिढाल, बिनैण खाप के प्रधान नफे नैन, मलिक खाप के अध्यक्ष बलजीत मलिक, जगत सिंह रेढू, रिषिपाल, रणधीर रेढू, सहित अन्य खाप नेता मौजूद थे.

(इनपुट: भाषा)

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news