क्या Mehbooba Mufti नहीं चाहतीं कश्मीर में हो शांतिपूर्ण चुनाव? पुलिस पर उठाए सवाल
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क्या Mehbooba Mufti नहीं चाहतीं कश्मीर में हो शांतिपूर्ण चुनाव? पुलिस पर उठाए सवाल

श्रीनगर पुलिस ने पीडीपी नेता रउफ भट्ट को प्रोफाइल के अपडेशन के लिए थाने बुलाया तो पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को मिर्ची लग गई. उन्होंने पुलिस के कदम पर सवाल उठाते हुए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) से पूछा है कि क्या यह जम्मू-कश्मीर में चुनाव का नया मानदंड है?

(फाइल फोटो)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (DDC) के चुनाव होने वाले हैं और इस बीच कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहे लोगों को थाने बुला रही है. इसी के तहत श्रीनगर पुलिस (Srinagar Police) ने पीडीपी नेता रउफ भट्ट को भी बुलाया, लेकिन पुलिस के इस कदम से पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) को मिर्ची लग गई.

  1. पुलिस ने पीडीपी नेता रउफ भट्ट को थाने बुलाया
  2. महबूबा मुफ्ती ने पुलिस के कदम पर उठाए सवाल
  3. कहा- क्या यह चुनाव का नया मानदंड है?

क्या निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव नहीं चाहती महबूबा?
महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने पीडीपी (PDP) नेता रउफ भट्ट को व्यक्तिगत प्रोफाइल के अपडेशन के लिए थाने बुलाने पर सवाल उठाए हैं और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से पूछा है कि क्या यह जम्मू-कश्मीर में चुनाव का नया मानदंड है?

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महबूबा मुफ्ती ने लगाए ये आरोप
महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, 'पीडीपी के रउफ भट्ट को आज शेरगढ़ी पुलिस स्टेशन में बुलाया गया. उन्हें हर रोज रिपोर्ट करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि वह सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक थाने में रहें, जब तक एसएमसी चुनाव खत्म नहीं हो जाता। हमेशा की तरह ऊपर से ऑर्डर का बहाना बनाया गया. मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) जी क्या यह जम्मू-कश्मीर में चुनाव का नया मानदंड है?'

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श्रीनगर पुलिस ने दिया महबूबा को जवाब
महबूबा मुफ्ती के ट्वीट पर श्रीनगर पुलिस ने भी ट्विटर पर जवाब दिया और लिखा, 'श्रीनगर पुलिस ने छोड़े गए आतंकियों और आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहे लोगों को अपनी प्रोफाइल अपडेट करने के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया है. रउफ भट्ट को भी उनकी व्यक्तिगत प्रोफाइल के अपडेशन के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया, क्योंकि वह हिजबुल मुजाहिदीन संगठन से जुड़े हुए थे. श्रीनगर पुलिस सभी आरोपों का खंडन करती है.'

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पीडीपी ने लगाया परेशान करने का आरोप
श्रीनगर पुलिस के जवाब पर पीडीपी ने कहा, 'हम जमू-कश्मीर पुलिस की आधारहीन बात को अस्वीकार करते हैं. रउफ भट्ट 6 सालों यानी 5 अगस्त 2019 तक लगभग एक वर्गीकृत संरक्षित व्यक्ति थे. जम्मू-कश्मीर क्षेत्रीय दलों के सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ताओं को परेशान करना सांप्रदायिक ताकतों के एक ठोस अभियान के अलावा कुछ नहीं है.'

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पुलिस मुद्दे को अलग मोड़ दे रही: रउफ भट्ट
रउफ भट्ट ने ट्विटर पर लिखा, '7- 8 घंटे थाने में बैठने के बाद, सिर्फ इसलिए कि संबंधित एसएचओ के मेरे साथ कुछ व्यक्तिगत मुद्दे हैं. पुलिस इस मुद्दे को एक अलग मोड़ दे रही है और वो भी उस समय जब मैं लोकतंत्र के लिए काम कर रहा था. अगर मैं ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) हूं तो मुझे गिरफ्तार करें और अगर नहीं तो मुझे अपना काम करने दें!'

उन्होंने आगे कहा, 'यह सिर्फ मेरे बारे में नहीं है, बल्कि लोकतंत्र के उस विचार के बारे में है, जो यहां हर रोज भाजपा द्वारा चलाए जा रहे हैं. ये निरंतर सम्मन और गिरफ्तारियां चुनावों में धांधली की गई और भाजपा को जीत दिलाकर जम्मू-कश्मीर में एक और 1987 बनाने की योजना का हिस्सा हैं.'

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