मंत्रालय ने किया स्वीकार, 'महाराष्ट्र की आंगनबाड़ियों में हैं आठ लाख फर्जी लाभार्थी'
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मंत्रालय ने किया स्वीकार, 'महाराष्ट्र की आंगनबाड़ियों में हैं आठ लाख फर्जी लाभार्थी'

 देशभर में अनेक आंगनवाड़ियों में पंजीकृत फर्जी लाभार्थियों की पहचान करना और उन्हें हटाने का काम लगातार चल रहा है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने कहा है कि महाराष्ट्र में एक लाख से अधिक पंजीकृत आंगनवाड़ियों में कम से कम आठ लाख फर्जी लाभार्थियों का पता लगा है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन आंगनवाड़ियों में कुल 61 लाख लाभार्थियों के नाम दर्ज हैं, जिनमें से आठ लाख नाम फर्जी हैं.

उन्होंने बताया, लाभार्थियों को आधार से जोड़ने के बाद फर्जी लाभार्थियों के बारे में पता चला. उन्होंने बताया कि प्रत्येक बच्चे के लिए प्रति दिन भोजन के वास्ते मंत्रालय 4.8 रुपये और राज्य सरकार 3.2 रुपये देती है. देशभर में अनेक आंगनवाड़ियों में पंजीकृत फर्जी लाभार्थियों की पहचान करना और उन्हें हटाने का काम लगातार चल रहा है. 

गौरतलब है कि असम सरकार ने बच्चों के भौतिक सत्यापन के दौरान पाया कि 14 लाख फर्जी लाभार्थी हैं. इसके बाद ही यह प्रक्रिया शुरू की गई. उत्तर प्रदेश में 14 लाख फर्जी लाभार्थी पाए गए हैं. 

महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने खाद्य वितरण प्रणाली में अनेक खामियां होने की बात स्वीकार करते हुए सभी राज्य सरकारों से ऐसे बच्चों की संख्या सत्यापित करने को कहा है जिन्हें सही में भोजन की आवश्यकता है. इससे पहले सितंबर में गांधी ने कहा था कि विभिन्न आंगनवाड़ियों में पंजीकृत कम से कम एक करोड़ फर्जी लाभार्थियों की पहचान कर उनके नाम हटाए गए हैं.

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