सरकार ने पहली बार हवाई यात्रा के दौरान अभद्र व्यवहार करने वाले यात्रियों पर तीन महीने से लेकर पूरी उम्र तक का उड़ान प्रतिबंध लगाने संबंधी दिशानिर्देश जारी किए हैं.
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नई दिल्ली: सरकार ने पहली बार हवाई यात्रा के दौरान अभद्र व्यवहार करने वाले यात्रियों पर तीन महीने से लेकर पूरी उम्र तक का उड़ान प्रतिबंध लगाने संबंधी दिशानिर्देश जारी किए हैं. एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए काली सूची में डाले गए ऐसे यात्रियों का रिकॉर्ड रखेगा. अभद्र व्यवहार करने वाले यात्रियों की सजा तीन श्रेणियों में होगी, जिनमें अलग-अलग अवधि वाला उड़ान प्रतिबंध लगाया जाएगा. यह कदम पिछले कुछ समय में हुई घटनाओं के मद्देनजर उठाया गया है. जिनमें शिवसेना के सांसद रवींद्र गायकवाड़ के जरिए एअर इंडिया के कर्मचारी के साथ किया गया कथित दुर्व्यवहार भी शामिल है. उन्होंने बिजनेस क्लास सीट न मिलने पर कर्मचारी के साथ कथित तौर पर मारपीट की थी.
‘‘अभद्रता करने वाले यात्रियों से निपटने’’ पर संशोधित नागरिक एविएशन नियम की सोमवार को सरकार द्वारा घोषणा की गई जो तत्काल प्रभाव से अमल में आ गए. हालांकि, ये नियम पुराने मामलों पर लागू नहीं होंगे.
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नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमारा देश दुनिया में ऐसा पहला देश है जहां उड़ान संबंधी प्रतिबंध लगाए गए हैं.
उन्होंने स्पष्ट किया कि उड़ान निषेध सूची केवल तब लागू होगी जब घटना विमान के अंदर हुई होगी और उससे विमान व इसमें सवार यात्रियों की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका होगी. यदि ऐसा नहीं है तो मामले की जांच सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जाएगी.
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विमान के पायलट इन कमांड अभद्र यात्री से जुड़ी घटना के बारे में रिपोर्ट कर सकते हैं और संबंधित एयरलाइन की एक विभागीय समिति 30 दिन के भीतर इस मामले की जांच करेगी. संशोधित नियमों के अनुसार, तय समयसीमा में जांच पूरी नहीं होने पर यात्री को ‘‘यात्रा की आजादी’’ होगी. इसमें कहा गया कि हालांकि एयरलाइन मामले की जांच जारी रहने तक 30 दिन तक की पाबंदी लगा सकती है.
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