मिजोरम: संदिग्ध रोहिंग्या शरणार्थी आश्रय गृह भेजे गए, बिना दस्तावेज कर रहे थे यात्रा
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मिजोरम: संदिग्ध रोहिंग्या शरणार्थी आश्रय गृह भेजे गए, बिना दस्तावेज कर रहे थे यात्रा

राज्य के सामाजिक कल्याण विभाग ने कहा, 'लड़कों को अनाथालय भेजा गया है और महिलाओं को दूसरे संरक्षित आश्रय गृह में भेजा गया है. 

ये लोग भारत में बिना किसी वैध यात्रा दस्तावेज के रह रहे थे.

नई दिल्ली: तीन दिन पहले मिजोरम की राजधानी आइजोल में कथित तौर पर मानव तस्करी गिरोह से छुड़ाए गए 12 रोहिंग्या शरणार्थियों को राज्य संचालित आश्रय गृह में भेज दिया गया है. एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. 

गत रविवार को आठ महिलाओं और चार नाबालिग बच्चों को आइजोल में एक स्थानीय महिला के आवास से पकड़ा गया था और ये लोग भारत में बिना किसी वैध यात्रा दस्तावेज के रह रहे थे. इस समूह को आश्रय देने वाली महिला ने पुलिस को बताया कि उसने म्यांमा में रह रहे अपने रिश्तेदार के कहने पर इन लोगों को शरण दी थी. 

राज्य के सामाजिक कल्याण विभाग ने कहा, 'लड़कों को अनाथालय भेजा गया है और महिलाओं को दूसरे संरक्षित आश्रय गृह में भेजा गया है. पुलिस उप महानिरीक्षक (उत्तरी रेंज) लालबियाकथंगा खिंगेते ने कहा, 'ऐसा प्रतीत होता है कि ये सभी 12 बांग्लादेश में बने शरणार्थी शिविरों से यहां लाये गए'.

उन्होंने यह भी कहा कि इन लोगों को संभवतया कई जगह खुली असम सीमा से तस्करी के जरिए मिजोरम लाया गया होगा.

अगस्त 2017 के बाद से बांग्लादेश से सटे म्यांमा के रखाइन प्रांत से करीब सात लाख रोहिंग्या मुसलमान वहां से भाग कर अन्यत्र जगह चले गए हैं. इससे गहन शरणार्थी संकट पैदा हो गया है. इनमें से कई लोग मानव तस्करी गिरोहों के जाल में फंस गए हैं और ये गिरोह उन्हें बेहतर नौकरी और आजीविका के लालच देकर उन्हें फंसा लेते हैं.

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