मोदी सरकार ने पाक हिंदुओं की नागरिकता पर गांधी-नेहरू का वादा पूरा किया: आरिफ मोहम्मद खान
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मोदी सरकार ने पाक हिंदुओं की नागरिकता पर गांधी-नेहरू का वादा पूरा किया: आरिफ मोहम्मद खान

आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इस अधिनियम की नींव साल 1985 और 2003 में रख दी गई थी. मोदी सरकार ने सिर्फ इस अधिनियम को कानूनी जामा पहनाया है.

मोदी सरकार ने पाक हिंदुओं की नागरिकता पर गांधी-नेहरू का वादा पूरा किया: आरिफ मोहम्मद खान

नई दिल्ली: केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने नागरिकता संशोधन एक्ट (Citizenship Amendment Act) को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन किया है. ज़ी मीडिया से बात करते हुए आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने कहा कि मोदी सरकार ने गांधी जी और कांग्रेस द्वारा किया गया वादा ही पूरा किया है. 

ज़ी मीडिया से बात करते हुए आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, 'हम जो राष्ट्रीय आंदोलन में कहते थे, हमने उसको मूर्ति रूप दिया, उसी के आधार पर संविधान बनाया. उनके यहां (पाकिस्तान) जब संविधान बना तो जिन्ना की 11 अगस्त की स्पीच को दरकिनार करके ऑब्जेक्टिव रिजोल्यूशन शामिल कर दिया गया कि ये मुस्लिम स्टेट होगी, मुस्लिम स्टेट का मतलब क्या हुआ? यहां जो गैर मुस्लिम हैं, वो दूसरे दर्जे, तीसरे दर्जे के नागरिक होंगे, फिर उत्पीड़न शुरू हुआ...

....हर धर्म की ये तालीम है, अगर आप गुस्से में आ गए, अगर आप किसी से नफरत करते हैं, अगर आप किसी से जलते हैं तो आपकी रीजन सस्पेंड हो जाता है.'

केरल के राज्यपाल ने कहा, 'नागरिकता कानून बनाकर मोदी सरकार ने महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस द्वारा किया गया वादा पूरा किया है, ये वो वादा है जो उन्होंने पाकिस्तान में प्रताड़ित किए गए लोगों से किए थे.'

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उन्होंने कहा कि इस अधिनियम की नींव साल 1985 और 2003 में रख दी गई थी. मोदी सरकार ने सिर्फ इस अधिनियम को कानूनी जामा पहनाया है. आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, 'पाकिस्तान को मुस्लिम राष्ट्र के रूप में बनाया गया था, तो क्या वे मुसलमानों को भी वहां सताएंगे? हम मानते हैं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से मुसलमान आए थे, लेकिन इसलिए नहीं कि उन्हें सताया गया बल्कि आर्थिक अवसरों की तलाश में आए.'

राजीव सरकार से दिया इस्तीफा
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि जब साल 1986 में शाहबानो का मामला सामने आया था, तब भी मुसलमानों का एक वर्ग बेहद आक्रोशित था. साथ ही धमकी दे रहा था कि शाहबानो केस पर जो मुस्लिम सांसद हमसे असहमत हों, उनकी टांगे तोड़ दो. उस वक्त मुझको न जाने कितने खतरों का सामना करना पड़ा था. बता दें कि तब राजीव सरकार से आरिफ मोहम्मद खान ने इस्तीफा दे दिया था.

जानिये आरिफ मोहम्मद खान के बारे में
आपको बता दें कि बहुचर्चित शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार द्वारा अमान्य घोषित करने के विरोध में आरिफ मोहम्मद खान ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. पिछले दिनों आरिफ मोहम्मद खान के बयान का ही हवाला देकर पीएम मोदी ने संसद में कहा था, कांग्रेस के नेता ने कहा था कि मुस्लिम अगर गढ्ढे में रहना चाहते हैं तो रहने दो क्या हम मुस्लिमों के समाज सुधारक हैं.

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