पूर्व सैनिकों से मिले राहुल गांधी, कहा-सरकार ने ओआरओपी लागू नहीं किया
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पूर्व सैनिकों से मिले राहुल गांधी, कहा-सरकार ने ओआरओपी लागू नहीं किया

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को जंतर-मंतर पर पूर्व सैनिकों से मुलाकात की। राहुल ने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) और पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल की आत्महत्या को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने पूर्व सैनिकों को ओआरओपी नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को झूठ बोलना बंद करना चाहिए और ओआरओपी को लागू करने के लिए काम करना चाहिए।

पूर्व सैनिकों से मिले राहुल गांधी, कहा-सरकार ने ओआरओपी लागू नहीं किया

नई दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को जंतर-मंतर पर पूर्व सैनिकों से मुलाकात की। राहुल ने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) और पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल की आत्महत्या को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने पूर्व सैनिकों को ओआरओपी नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को झूठ बोलना बंद करना चाहिए और ओआरओपी को लागू करने के लिए काम करना चाहिए।

पूर्व सैनिकों से मुलाकात के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए राहुल ने कहा, 'खुदकुशी करने वाले रामकिशन ग्रेवाल के परिवार के साथ बुरा बर्ताव किया गया। परिवार के सदस्यों को पीटा गया। यह ठीक नहीं हुआ। सरकार को माफी मांगनी चाहिए।'

राहुल ने पूछा, 'पूर्व सैन्य कर्मी 509 दिनों से जंतर-मंतर पर क्यों बैठे हैं? क्योंकि हिंदुस्तान की सरकार ने ओआरओपी लागू नहीं किया गया।'

राहुल के मुताबिक पूर्व सैनिकों का कहना है कि यह पैसे की बात नहीं है बल्कि यह सम्मान और न्याय की बात है। राहुल के अनुसार पूर्व सैनिकों ने कहा है कि यदि सरकार उनसे यह कहती है कि वह इस मामले में कुछ नहीं कर सकती तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है। 

गांधी ने कल हरियाणा के बामला गांव में ग्रेवाल के परिवार से मुलाकात की थी। यह ग्रेवाल का पैतृक गांव है और पूर्व सूबेदार का अंतिम संस्कार यहीं किया गया था। बुधवार को जब राहुल ग्रेवाल के परिवार से मिलने गए तो वहीं उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कल कहा था कि राहुल गांधी और अन्य जब ओआरओपी मुद्दे पर सैनिकों से जुड़े मुद्दे उठाते हैं तो मोदी सरकार को शायद इसमें राजनीति नजर आ सकती है लेकिन पार्टी इसपर मूक दर्शक नहीं बनी रहेगी।

लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने पिछले साल नवंबर में ओआरओपी पर एक अधिसूचना जारी की थी लेकिन पूर्व सैनिकों के एक वर्ग ने इसपर असंतोष जाहिर किया था।

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