OPS Vs NPS: पुरानी पेंशन योजना में केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों की पेंशन लास्ट ड्रॉन बेसिक पे के 50% पर तय की गई थी, जबकि नई पेंशन योजना में कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% योगदान देता है. इतना ही योगदान सरकार का होता है. नई व्यवस्था उन कर्मचारियों के लिए लागू हुई जो 2004 से नियुक्त हुए थे.
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Montek Singh Ahluwalia on Old Pension Scheme: मनमोहन सिंह सरकार में प्लानिंग कमिशन के डिप्टी चेयरमैन रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर राज्य सरकारों को चेतावनी दी है. राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेस शासित और पंजाब की आप सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू की है. वहीं हिमाचल प्रदेश की नई कांग्रेस सरकार ने भी इसी राह पर चलने का फैसला किया है. पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन योजना को लेकर राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के बीच टकराव जारी है. मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने चेतावनी दी है कि पुरानी पेंशन योजना 'वित्तीय दिवालियापन की रेसिपी' साबित हो सकती है. मोंटेक अहलूवालिया ने पुरानी पेंशन स्कीम को पीछे लौटने वाला कदम बताते हुए कहा कि दुनिया और भारत जो आर्थिक चुनौतियां झेल रहे हैं, उसे देखते हुए यह बेतुका आइडिया है.
#WATCH | Delhi: On the push for Old Pension Scheme by some state governments, Montek Singh Ahluwalia, the former Deputy Chairman of the erstwhile Planning Commission says, "I certainly share the view that this move is absurd and a recipe for financial bankruptcy..." pic.twitter.com/0sl2Vp3G9B
— ANI (@ANI) January 6, 2023
प्रसार भारती के पूर्व सीईओ शशि शेखर वेम्पति ने ट्विटर पर योजना आयोग के अहलूवालिया की पुरानी पेंशन योजना की खुली निंदा करते हुए एक वीडियो शेयर किया है. नई पेंशन योजना को छोड़कर कई राज्य पुरानी पेंशन स्कीम को अपना रहे हैं. हाल ही में पंजाब सरकार ने भी इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है. वहीं छत्तीसगढ़ और राजस्थान पहले ही पुरानी पेंशन स्कीम को लागू कर चुके हैं. यह पहली बार नहीं है जब मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने पुरानी पेंशन स्कीम के खिलाफ आवाज उठाई है. इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि पुरानी पेंशन स्कीम राज्य सरकारों द्वारा बांटे जाने वाली सबसे बड़ी रेवड़ी है. पीएम नरेंद्र मोदी भी राजनीतिक पार्टियों द्वारा मुफ्त योजनाओं को बढ़ावा देने को लेकर हमला बोलते रहे हैं.
पुरानी पेंशन योजना में केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों की पेंशन लास्ट ड्रॉन बेसिक पे के 50% पर तय की गई थी, जबकि नई पेंशन योजना में कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% योगदान देता है. इतना ही योगदान सरकार का होता है. नई व्यवस्था उन कर्मचारियों के लिए लागू हुई जो 2004 से नियुक्त हुए थे.
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