10 लाख बैंककर्मी आज से हड़ताल पर, दो दिन ठप रहेंगी बैंकिंग सेवाएं
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10 लाख बैंककर्मी आज से हड़ताल पर, दो दिन ठप रहेंगी बैंकिंग सेवाएं

बैंक संघ ने 5 मई की बैठक में बैंक कर्मचारियों के वेतन में दो प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की जिसे कर्मचारी यूनियनों ने अन्यायपूर्ण बताते हुये खारिज कर दिया. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली : बैंकिंग सेवायें अगले कुछ दिन प्रभावित रह सकतीं हैं. वेतन संशोधन की अपनी मांगों पर जोर देने के लिये सार्वजनिक बैंक के करीब 10 लाख कर्मचारियों ने आज बुधवार और गुरुवार को दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है. बैंककर्मी इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) की तरफ से पूर्व में प्रस्तावित दो प्रतिशत से अधिक वेतन वृद्धि नहीं करने का विरोध कर रहे हैं. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने यह जानकारी दी. इस हड़ताल का नेतृत्व यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) कर रहा है, जो कि नौ यूनियनों का नेतृत्वकारी संगठन है. बैककर्मियों ने बताया कि उनके वेतन में एक नवंबर, 2017 से वृद्धि नहीं हुई है.

अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) ने कहा है कि मुख्य श्रमायुक्त के समक्ष वेतन संशोधन संबंधी मांगों को लेकर सुलह कराने के लिये बुलाई बैठक किसी नतीजे पर पहुंचने में असफल रही. इसे देखते हुये यूनाइटेड फोर आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) से जुड़ी सभी नौ बैंक यूनियनों ने हड़ताल के अपने आह्वान के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है. 

एआईबीओसी महासिचव डीटी फ्रांको ने कहा कि बैठक में यूएफबीयू के नेताओं ने अपनी मांगे रखीं जिसमें यह भी कहा गया कि मांगों पर कदम उठाने में पहले ही काफी देरी हो चुकी है. दो प्रतिशत की पेशकश ठीक नहीं है. इसके साथ ही बैंकों के 7वें स्केल तक के अधिकारी के वेतनमानों को वेतन संशोधन बातचीत में शामिल करने की पहले से चली आ रही व्यवस्था जारी रखी जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को उनकी कठिन मेहनत के आधार पर वेतन मिलना चाहिये न कि बैंकों के मुनाफे के आधार पर दिया जाना चाहिये. बातचीत के दौरान यूएफबीयू के नेताओं ने बैंकों के परिचालन मुनाफे के आंकड़ों को सामने रखा और बताया कि यह दोगुना हुआ है. किस प्रकार प्रबंधन ने स्टाफ के खर्चों में कटौती की है और कारोबार किस प्रकार से दोगुना हुआ है. भारतीय बैंक संघ ने बातचीत में कोई नई पेशकश नहीं की लेकिन बातचीत जारी रखने का आश्वासन दिया. 

बैंक संघ ने 5 मई की बैठक में बैंक कर्मचारियों के वेतन में दो प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की जिसे कर्मचारी यूनियनों ने अन्यायपूर्ण बताते हुये खारिज कर दिया. 

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि मुख्य श्रमायुक्त ने कर्मचारियों के मुद्दे का समर्थन किया और बैंक संघ से सकारात्मक रुख अपनाने को कहा है. बैंक संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि वह संशोधित पेशकश पर विचार करेंगे लेकिन उन्होंने यूएफबीयू से अपनी मांग बताने का आग्रह किया.

बैंक कर्मचारियों के राष्ट्रीय संगठन (एनओबीडब्ल्यू) के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा ने कहा कि 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, पुरानी पीढ़ी के बैंक और विदेशी बैंकों के 10 लाख कर्मचारी सभी दो दिन की प्रस्तावित हड़ताल में भाग लेंगे. इस संबंध में समझौता बैठक सोमवार को हुई थी. मुख्य श्रम आयुक्त (सीएलसी) ने आईबीए से 4-7 स्कैल के अधिकारियों के साथ वेतन वार्ता से अलग नहीं होने संबंधी अन्य विवाद पैदा नहीं करने के लिए कहा.

हड़ताल के आह्वान को देखते हुये स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ बड़ौदा सहित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रबंधनों ने पहले ही अपने ग्राहकों को सूचित कर दिया है. उन्होंने कहा कि है यदि हड़ताल हुई तो बैंक के कामकाज पर असर पड़ सकता है. 

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