Mughal Facts: हिंदुस्तान के बारे में ये राय रखता था बाबर, जो भारतीयों को आएगी नापसंद!
Advertisement

Mughal Facts: हिंदुस्तान के बारे में ये राय रखता था बाबर, जो भारतीयों को आएगी नापसंद!

Mughal Empire: मुगल बादशाह बाबर (Babur) ने हिंदुस्तानियों के लिए जो बात बाबरनामा (Baburnama) में लिखी, वह बात अधिकतर भारतीयों को पसंद नहीं आएगी. आइए जानते हैं कि बाबर ने ऐसा क्या लिखा था?

Mughal Facts: हिंदुस्तान के बारे में ये राय रखता था बाबर, जो भारतीयों को आएगी नापसंद!

Baburnama: भारत में मुगल सल्तनत (Mughal Dynasty) की स्थापना बाबर (Babur) ने की थी. हालांकि, महज 4 साल तक बाबर दिल्ली की गद्दी पर बैठ पाया था. उसकी मौत के बाद हुमायूं ने सत्ता संभाल ली थी. बाबर ने अपने जीवन से जुड़ी बातें तुज्क-ए-बाबरी (Tuzk-e-Babri) में लिखी हैं. इसे बाबरनामा (Baburnama) भी कहा जाता है. इसको पढ़ने से भारत को लेकर मुगल बादशाह बाबर की राय के बारे में पता चलता है. बाबरनामा में बाबर ने भारत के बारे में अच्छी और बुरी दोनों चीजें लिखी हैं. जहां उसने एक तरफ भारत के लोगों को बदसूरत कहा तो वहीं दूसरी तरफ यहां के आम और भारतीयों के पास मौजूद सोने की उसने तारीफ की. आइए जानते हैं कि मुगल बादशाह बाबर ने हिंदुस्तान के बारे में ऐसा क्या लिखा, जो भारतीय को नापसंद आ सकता है.

बाबरनामा में ऐसा क्या लिख दिया?

बता दें कि मुगल बादशाह बाबर ने बाबरनामा में लिखा था कि हिंदुस्तान एक दिलचस्प मुल्क है. हिंदुस्तान के लोग सुंदर नहीं हैं. यहां का सोशल स्ट्रक्चर बहुत समृद्ध नहीं है. शायरी का हुनर लोगों में नहीं है. तहजीब, तमीज और बड़ा दिल उनके पास नहीं है. शिल्प और कला में सही अनुपात नहीं है. अच्छे अंगूर, मीट, तरबूज और घोड़े यहां नहीं हैं. बाजार में अच्छा खाना, रोटी या बर्फ नहीं मिलती. यहां मदरसे और गुसलखाने नहीं हैं.

बाबर को पसंद थी हिंदुस्तान की ये चीज

हालांकि, मुगल बादशाह बाबर ने हिंदुस्तान की दो चीजों की तारीफ में कसीदे भी पढ़े. बाबर ने हिंदुस्तान के आम और भारतीयों के पास रखे सोने की तारीफ की. बाबर को हिंदुस्तान में पैदा होने वाला आम काफी पसंद आया था. बाबरनामा में भी उसने इसकी तारीफ लिखी.

4 साल तक ही कर पाया शासन

गौरतलब है कि मुगल बादशाह बाबर 1526 में पानीपत के युद्ध में इब्राहिम लोदी को हराने के बाद दिल्ली की गद्दी पर काबिज हुआ था. इसके बाद 1527 में बाबर ने खानवा का, 1528 में चंदेरी का और 1529 में घग्गर में युद्ध लड़ा था. हालांकि, 1530 में उसकी मृत्यु हो गई. 4 साल तक ही वह भारत में शासन कर पाया.

हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे

Trending news