उपनगर भांडुप के ड्रीम्स मॉल में शुक्रवार तड़के लगी और इसकी सबसे ऊपरी मंजिल पर स्थित सनराइज हॉस्पिटल तक फैल चुकी आग को करीब 40 घंटे बाद आखिरकार बुझा दिया गया. इस घटना में कोविड-19 के नौ मरीजों की मौत हो गयी थी.
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मुंबई: उपनगर भांडुप के ड्रीम्स मॉल में शुक्रवार तड़के लगी और इसकी सबसे ऊपरी मंजिल पर स्थित सनराइज हॉस्पिटल तक फैल चुकी आग को करीब 40 घंटे बाद आखिरकार बुझा दिया गया. इस घटना में कोविड-19 के नौ मरीजों की मौत हो गयी थी. इस सिलसिले में एचडीआईएल के प्रमोटर राकेश वधावन और पांच अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के मामले में नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है. दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आग पर 40 घंटे बाद पूरी तरह काबू पा लिया गया है.
पुलिस अधिकारी ने हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के प्रमोटर राकेश वधावन और उनके बेटे सारंग को प्राथमिकी में नामजद किया हैं. वे मॉल के कथित तौर पर निदेशक हैं. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को भांडुप थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई, हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा,'मॉल के निदेशकों राकेश वधावन, निकिता अमित सिंह त्रेहन, सारंग वधावन और दीपक शिर्के तथा अस्पताल के निदेशकों अमित सिंह त्रेहन और स्वीटी जैन के नाम प्राथमिकी में शामिल हैं. निकिता अस्पताल की निदेशक भी हैं.' भांडुप थाना के एक अधिकारी ने बताया कि उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और 34 (साझा इरादा रखने) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इससे पहले, वधावन परिवार के सदस्यों के खिलाफ पीएमसी बैंक घोटाला मामले में भी प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पुलिस अधिकारी ने कहा, 'अब तक की जांच के दौरान पुलिस को मॉल में कई कमियां मिलीं. सुरक्षा के लिहाज से कुप्रबंधन का मामला सामने आया है और समय पर अग्नि सुरक्षा उपकरण की जांच नहीं की गई.' उन्होंने बताया कि यह भी पाया गया कि मॉल में 1,108 दुकानें हैं, उनमें से लगभग 40 प्रतिशत बंद पड़ी हुई हैं और संचालन में नहीं हैं. अधिकारी ने कहा, 'जनवरी में, सनराइज अस्पताल को कोविड देखभाल केंद्र में बदल दिया गया था.'
गौरतलब है कि मुंबई के भांडुप इलाके में ड्रीम्स मॉल इमारत में बृहस्पतिवार देर रात आग लग गई. आग एक दुकान में लगी और चार मंजिला मॉल की सबसे ऊपरी मंजिल पर स्थित सनराइज अस्पताल तक फैल गई. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बताया कि अस्पताल में कोविड-19 का इलाज करा रहे नौ मरीजों की आग लगने के कारण दम घुटने से मौत हो गई, जबकि दो अन्य मरीजों की आग लगने से पहले ही कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई थी. 107 बिस्तरों वाले अस्पताल में घटना के वक्त कुल 78 मरीजों का इलाज चल रहा था.
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शुक्रवार दोपहर को घटनास्थल पर पहुंचे थे और उन्होंने कहा था कि इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस अस्पताल के मरीजों को मुलुंड, भांडुप, ठाणे, घाटकोपर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. इस बीच, नगर निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने आग लगने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं और अधिकारियों को जल्द ही रिपोर्ट देने के लिए कहा है.