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Prayer without folding hands (रिपोर्ट-संजीव कुमार गिरी): दशकों से स्कूलों में क्लास की शुरुआत से पहले प्रार्थना का नियम है. ईश्वर को याद करने के बाद ही बच्चे पढ़ाई शुरू करते हैं. लेकिन हाल ही में झारखंड से चौंका देने वाली जानकारी सामने आई है कि एक स्कूल में बच्चे सालों से प्रार्थना हाथ जोड़कर नहीं कर रहे हैं. इस खबर के वायरल होते ही प्रशासन ने सक्रियता से मामले को समझा और शांतिपूर्ण ढंग से इसे सुलझाया. आइये आपको बताते हैं पूरा माजरा क्या है.
'तू ही राम है तू ही रहीम है'
यह चौंका देने वाला वाकया सामने आया है झारखंड के गढ़वा जिले में. यहां के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में प्रार्थना के दौरान बच्चे हाथ जोड़कर नहीं बल्कि हाथ बांध कर 'तू ही राम है तू ही रहीम है' गा रहे थे. इसकी भनक जैसे ही जिला प्रशासन को लगी प्रशासन सतर्क हुआ और स्कूल पहुंच गया.
हकीकत जान सब हैरान
अधिकारियों को पता चला कि इस स्कूल में पढ़ने वाले अधिकतर छात्र-छात्राएं मुस्लिम समुदाय से आते हैं. पिछले कुछ वर्षों से इस विद्यालय में बच्चे हाथ जोड़कर प्रार्थना नहीं कर रहे थे. मंगलवार को लगभग पांच घटे तक स्कूल में प्रशासनिक अधिकारियों की टीम इस मामले के तह तक पहुंचने की कोशिश की.
प्रिंसिपल ने क्या कहा?
मामले की छानबीन में किसी ने कुछ भी नहीं कहा. यह नहीं पता चल सका कि प्रार्थना के इस तरीके की इजाजत किसने दी. किसके दबाव में नियम के खिलाफ प्रार्थना की जाती थी. स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि यहां अधिकतर बच्चे मुस्लिम समुदाय से आते हैं. यंहा जब प्रार्थना होती है, तो बच्चे हाथ नहीं जोड़ते. मेरे कहने के बाद भी जब बच्चे नहीं माने तो, मैंने कहना छोड़ दिया.
अधिकारियों ने समझाया
मामले को सुलझाने के लिए स्कूल पहुंचे जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बच्चों को अपने पास बुलाया और उन्हें प्रार्थन के तरीके के बारे में समझाया. बच्चों को समझाया गया कि प्रार्थना हाथ जोड़कर ही करनी चाहिए. स्कूल में फिर से प्रार्थना हुई तो बच्चों ने हाथ जोड़कर प्रार्थना की. प्रार्थना के अंत में बच्चों ने राष्ट्रगान भी गाया.
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