मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: आरोपी ने कोर्ट में कहा-पीड़िता ने नहीं लिया मेरा नाम, नहीं बनता कोई आरोप
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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: आरोपी ने कोर्ट में कहा-पीड़िता ने नहीं लिया मेरा नाम, नहीं बनता कोई आरोप

साकेत कोर्ट इस वक्त आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने पर बहस कर हैं. इससे पहले कोर्ट ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: आरोपी ने कोर्ट में कहा-पीड़िता ने नहीं लिया मेरा नाम, नहीं बनता कोई आरोप

नई दिल्ली:  मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले को लेकर साकेत कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. जहां आरोपी रवि कुमार रौशन और डॉ. अश्विनी कुमार के खिलाफ आरोप तय करने पर बहस हुई. आरोपियों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि आरोप झूठे हैं, ऐसे में आरोप मुक्त किया जाए. एक आरोपी डॉ. अश्विनी कुमार के वकील प्रकाश कश्यप ने कहा कि पीड़िताओं ने अपने बयान आरोपी डॉ. अश्विनी का नाम कभी नहीं लिया. इसलिए उनके खिलाफ आरोप नहीं बनता है. इस पर साकेत कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च दोपहर दो बजे को होगी.

दरअसल, आपको बता दें कि साकेत कोर्ट इस वक्त आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने पर बहस कर हैं. इससे पहले कोर्ट ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे. हालांकि आरोप तय करने को लेकर साकेत कोर्ट का विस्तृत आदेश आना अभी बाकी है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सात फरवरी को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की सुनवाई दिल्ली की साकेतकोर्ट के विशेष पॉक्सो अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने साकेत कोर्ट से 6 महीने में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया था. आपको बता दें कि पिछले जुलाई महीने में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सरकारी सहायता प्राप्त एक शेल्टर होम में 16 बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले ने सूबे सहित पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. पीड़ित बच्चियों ने अपने एक साथी की हत्या कर शव को परिसर में दफनाने का आरोप भी लगाया था. इसी साल मई में टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के सोशल ऑडिट के दौरान मामले का खुलासा हुआ था.

इसके बाद पुलिस की जांच में यह सामने आया था कि शेल्‍टर होम से छह लड़कियां गायब हुई हैं. पुलिस पूछताछ में पीड़िताओं ने यह जानकारी दी. बताया जा रहा है कि वर्ष 2013 से 2018 के बीच ये लड़कियां गायब हुई हैं. इसके बाद राज्य के समाज कल्याण विभाग ने पिछले महीने प्राथमिकी दर्ज की. मामले में दस लोगों की गिरफ्तारी हुई. सोशल ऑडिट में यह सामने आया था कि वर्ष 2013 से 2018 के बीच शेल्टर होम से 6 लड़कियां गायब हुई हैं. हालांकि, इन लड़कियों के गायब होने का कोई पुलिस रेकॉर्ड नहीं है.

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