इबादत के नाम पर चौराहे क्यों जाम? आखिर सड़क पर नमाज कब तक
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इबादत के नाम पर चौराहे क्यों जाम? आखिर सड़क पर नमाज कब तक

Namaz On Road: इंडोनेशिया (Indonesia) में मस्जिद से लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई है. लेकिन भारत में ऐसे फैसले की कल्पना नहीं की जा सकती है. हरियाणा के गुरुग्राम में खुले में नमाज को लेकर तनाव पैदा हो गया है.

खुले में नमाज.

PODCAST

  1. भारत में हैं 3 लाख मस्जिदें
  2. खुले में नमाज से परेशानी
  3. गुरुग्राम में हुआ हंगामा

नई दिल्ली: देश के ज्यादातर राज्यों में शुक्रवार के दिन खुले में नमाज (Namaz) पढ़ी जाती है और इसकी वजह से पार्कों को बंद कर दिया जाता है. सड़कों को बंद कर दिया जाता है. ट्रैफिक रोक दिया जाता है और कई जगहों पर तो ट्रेन, अस्पताल और रिहायशी इलाकों में भी नमाज पढ़ी जाती है, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है.

सऊदी अरब में गाड़ी रोक कर नमाज पढ़ने पर रोक

ये हाल तब है जब इंडोनेशिया की 8 लाख मस्जिदों के बाद भारत में सबसे ज्यादा 3 लाख मस्जिदें हैं. हालांकि कुछ रिपोर्ट ऐसी भी हैं, जो ये बताती हैं कि दुनिया में सबसे ज्यादा मस्जिदें इंडोनेशिया (Indonesia) में नहीं, बल्कि भारत में है. लेकिन जो बात आपको सोचनी है वो ये कि लाखों मस्जिदें होते हुए भी हमारे देश में खुले में नमाज पढ़ी जाती है. पूरी दुनिया में 27 देश ऐसे हैं, जिनका राष्ट्र धर्म इस्लाम (Islam) है. लेकिन इसके बावजूद इन देशों में भी इतने बड़े पैमाने पर खुले में नमाज नहीं पढ़ी जाती. सऊदी अरब (Saudi Arabia) में तो ये नियम है कि वहां गाड़ी रोक कर कोई व्यक्ति नमाज नहीं पढ़ सकता.

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नमाज पर इंडोनेशिया में लिया गया ये फैसला

अब सोचिए अगर भारत में ऐसा कोई नियम बन गया तो क्या होगा? पिछले दिनों इंडोनेशिया में ये फैसला लिया गया था कि वहां लोगों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए मस्जिदों पर लगे लाउस्पीकर की आवाज को कम रखा जाएगा. क्या भारत में इस तरह के फैसलों की कल्पना की जा सकती है. जवाब है नहीं. आज हमने इस मुद्दे पर आपके लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है, जो आपको उन लोगों की तकलीफ के बारे में बताएगी, जो खुले में नमाज की वजह से काफी परेशान होते हैं. और बड़ा सवाल यही है कि क्या इन लोगों के संवैधानिक अधिकार नहीं हैं?

खुले में नमाज पढ़ने का विरोध

हालांकि धर्म का ये मैच क्रिकेट के किसी ग्राउंड तक सीमित नहीं है. स्थान और स्थिति के हिसाब से इसके स्वरूप जरूर बदल जाते हैं लेकिन सवाल वहीं रहते हैं. और इसे आप हमारी इस खबर से समझ सकते हैं. आपको याद होगा 27 अक्टूबर को हमने आपको देश की राजधानी दिल्ली के पास गुरुग्राम से एक खबर दिखाई थी, जहां स्थानीय लोग खुले में नमाज पढ़ने का विरोध कर रहे थे. और आज फिर से गुरुग्राम में इसी मुद्दे पर जबरदस्त हंगामा हुआ.

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गुरुग्राम के सेक्टर 12 में आज सरकारी जमीन पर सामूहिक रूप से जुम्मे की नमाज पढ़ी गई, जिसके बाद वहां आसपास रहने वाले लोग सड़कों पर उतर आए. इनमें वो मुसलमान भी थे, जिन्हें प्रशासन ने नमाज की वजह से दुकानें खाली करने का आदेश दे दिया है. गुरुग्राम में खुद प्रशासन द्वारा ऐसी 37 जगह चिन्हित की गई हैं, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग शुक्रवार को जुम्मे की नमाज पढ़ सकते हैं और ये जगह भी इन्हीं में से एक है.

इसलिए आपके मन में भी ये सवाल हो सकता है कि जब जगह प्रशासन ने दी है तो फिर विरोध क्यों हो रहा है. दरअसल, स्थानीय लोगों का कहना है कि अकेले इसी शहर में कुल 22 बड़ी मस्जिदें हैं, लेकिन इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग सड़कों और पार्कों को घेर कर नमाज पढ़ते हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है.

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