पीएम मोदी के इस दौरे की सबसे बड़ी बात ये है कि भारत और सऊदी अरब के रिश्तों को मजबूती देने के लिए भारत-सऊदी अरबिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल का गठन हो गया है.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) सऊदी अरब (Saudi Arabia) के अपने सिर्फ 33 घंटे के दौरे में एक तीर से कई निशाने लगा रहे हैं. सऊदी अरब से भारत के संबंध और मज़बूत होंगे, कश्मीर (Kashmir) पर पाकिस्तान (Pakistan) का साथ देने वाले तुर्की पर भी कूटनीतिक चोट होगी, आर्थिक मोर्चे के लिहाज से देखें तो भारत के लिए निवेश के बहुत सारे रास्ते खुलने जा रहे हैं. इस दौरे की सबसे बड़ी बात ये है कि दोनों देश आपसी रिश्तों को मजबूती देने के लिए भारत-सऊदी अरबिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल बना सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी की सऊदी अरब की 33 घंटे की यात्रा से इमरान के 'जेहादी कार्ड' पर बहुत बड़ी 'कूटनीतिक स्ट्राइक' होने जा रही है.
पीएम मोदी के इस दौरे की सबसे बड़ी बात ये है कि भारत और सऊदी अरब के रिश्तों को मजबूती देने के लिए भारत-सऊदी अरबिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल का गठन हो गया है. पीएम मोदी ने अरब न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा भी है कि भारत अपने कच्चे तेल का लगभग 18% सऊदी अरब से आयात करता है, जो हमारे लिए कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है. अब हम एक करीबी रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं. साथ ही आतंकवाद के मुद्दे पर भी भारत और सऊदी अरब साथ खड़े हैं. पीएम मोदी ने कहा, "मेरा मानना है कि भारत और सऊदी अरब जैसी एशियाई शक्तियां अपने अपने पड़ोस में समान रूप से सुरक्षा चिंताओं को साझा करती हैं."
पाकिस्तान दुनिया के सामने कश्मीर को लेकर भले ही प्रोपेगेंडा फैला रहा हो लेकिन सऊदी अरब ने भी पाकिस्तान से मुंह फेर लिया है. पीएम मोदी की सऊदी अरब की इस छोटी लेकिन असरदार यात्रा से पाकिस्तान और कश्मीर पर पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्की पर बड़ी चोट होने जा रही है.
तुर्की ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दिया तो पीएम मोदी ने उसे सबक सिखाया है. भारत ने पर्यटकों को तुर्की जाने के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर दी है. भारत ने सीरिया में कुर्दों के खिलाफ तुर्की के हमले की आलोचना की. भारत ने पीएम मोदी के तुर्की दौरे को रद्द कर दिया. संयुक्त राष्ट्र में एर्दोगन के कश्मीर मुद्दा उठाने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने साइप्रस, अर्मेनिया और ग्रीस के नेताओं से मुलाकात की. साइप्रस और ग्रीस का तुर्की से क्षेत्रीय विवाद रहा है. जबकि अर्मेनिया 1915 में लाखों लोगों के नरसंहार के लिए तुर्की को ही जिम्मेदार मानता है. भारत ने तुर्की के साथ रक्षा संबंधों में भी कमी की है. तुर्की और पाकिस्तान के बीच बढ़ती करीबी और मजबूत होते रक्षा संबंधों को देखते हुए भारत ने तुर्की को हथियारों के निर्यात में कटौती कर दी है.
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पीएम मोदी के इस दौरे से पाकिस्तान अब पूरी तरह अलग-थलग पड़ गया है और इस्लाम के नाम पर मुस्लिम देशों को एकजुट करने की इमरान की मुहिम की हवा निकल गई है. आतंकवाद पर मुस्लिम देश भारत के साथ हैं. ये मोदी की कूटनीतिक क्रांति का ही असर है कि आज इमरान के चिल्लाने के बावजूद भी कोई देश कश्मीर पर पाकिस्तान को सुनने को तैयार नहीं है. ये मोदी की डिप्लोमेटिक स्टाइल की है कि आज दुनिया कश्मीर पर नहीं पाकिस्तान के आतंक पर बात कर रही है.
पिछले कुछ वक्त से भारत ने मोदी की अगुवाई में मध्य-पूर्व देशों के साथ अपने रिश्तों का दायरा बढ़ाया है, खासकर सऊदी अरब से. भारत सऊदी अरब के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी भी मजबूत कर रहा है. पीएम मोदी ने 2016 में सऊदी अरब का दौरा किया तो फरवरी 2019 में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भारत आए, आतंकवाद के खिलाफ भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी.