मोदी के संबोधन के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी दलों के नेताओं से मामलों पर आम सहमति बनाने में मदद करने की अपील की.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार (15 दिसंबर) से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र को सकारात्मक बनाने के लिए गुरुवार (14 दिसंबर) को विपक्ष से सहयोग मांगा जबकि कांग्रेस ने इस बात पर बल दिया कि गुजरात चुनाव अभियान के दौरान अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह पर हमला करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को माफी मांगनी चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने सत्र की पूर्व संध्या पर बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए लोकसभा एवं राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ करवाने की जरूरत पर भी बल दिया ताकि पांच साल में एक बार चुनाव करवाने से विकास को गति मिल सके. मोदी के संबोधन के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी दलों के नेताओं से मामलों पर आम सहमति बनाने में मदद करने की अपील की.
मोदी ने एक साथ चुनाव करवाये जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि देश भर में चुनावों के लगभग अबाधित चक्र के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने के चलते सरकारी काम एवं सरकारी अधिकारियों की तैनाती बाधित होती है. कुमार ने कहा, ‘‘उन्होंने विपक्षी दलों का सहयोग मांगा ताकि सत्र सार्थक और सकारात्मक रहे.’’ इधर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे (मनमोहन के खिलाफ मोदी के आरोप) को संसद में उठायेंगे. या तो सरकार दावे को साबित करे अथवा प्रधानमंत्री माफी मांगें. माफी से कम हमें कुछ भी स्वीकार नहीं.’’
संभावना है कि इस सत्र में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा नोटबंदी को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर होगी. कांग्रेस शुरुआत से ही जीएसटी एवं नोटबंदी को लागू करने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया कदम बताती आई है. गुजरात में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताते रहे है. राहुल नोटबंदी को लेकर भी मोदी सरकार को निशाने पर लेते रहे हैं. ऐसे में शीतकालीन सत्र में राजग सरकार को कांग्रेस का विरोध झेलना पड़ सकता है. शीतकालीन सत्र का समय आगे बढ़ाने के निर्णय पर भी विपक्ष सरकार को घेर सकता है.
संसद सत्र के दौरान ही 18 दिसंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम आने हैं. मोदी के गृह प्रदेश होने के कारण गुजरात के चुनाव परिणाम पर भी सब की नजर रहेगी. कांग्रेस भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार पर राफेल समझौते में घोटाले का आरोप लगाती आई है. ऐसे में यह मुद्दा भी संसद में गरमा सकता है. इन सब के अलावा इस सत्र में कई महत्वपूर्ण बिलों पर भी चर्चा होने की संभावना है.