VK Pandian quits active politics: ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बीजू जनता दल (बीजद) की करारी हार की चर्चा अब भी हो रही है. नवीन पटनायक की हार के पीछे जिम्मेदार बताए जा रहे उनके खास सहयोगी वी के पांडियन ने सक्रिय राजनीति से अब दूरी बना ली है.
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VK Pandian quits active politics: ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बीजू जनता दल (बीजद) की करारी हार की चर्चा अब भी हो रही है. नवीन पटनायक की हार के पीछे जिम्मेदार बताए जा रहे उनके खास सहयोगी वी के पांडियन ने सक्रिय राजनीति से अब दूरी बना ली है. पांडिय ने रविवार को ऐलान किया कि वे अब राजनीति से दूर रहेंगे.
वीके पांडियन ने मांगी माफी..
एक्स पर पोस्ट किए गए वीडियो संदेश में पांडियन ने कहा कि राजनीति में शामिल होने के पीछे उनका इरादा केवल नवीन पटनायक की मदद करना था, और अब उन्होंने जानबूझकर सक्रिय राजनीति से हटने का फैसला कर लिया है. पांडियन ने आगे कहा कि अगर मैंने इस यात्रा में किसी को ठेस पहुंचाई है तो मुझे खेद है. अगर मेरे खिलाफ इस अभियान की वजह से बीजद की हार हुई है तो मुझे खेद है. मैं इसके लिए पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं सहित पूरे बीजू परिवार से माफी मांगता हूं.
#WATCH | 5T Chairman & BJD leader VK Pandian says, "...Now consciously I decide to withdraw myself from active politics. I am sorry if I have hurt anyone on this journey. I am sorry if this campaign narrative against me has had a part to play in BJD's loss..."
(Source: BJD) pic.twitter.com/Hf1stid8Gn
— ANI (@ANI) June 9, 2024
नवीन बाबू के साथ नहीं दिख रहे थे पांडियन
बीजद की हार के बाद से पांडियन सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए हैं. वह न तो 5 जून को सीएम के साथ राजभवन में इस्तीफा देने गए और न ही नवीन निवास में पटनायक के साथ बीजद नेताओं की बैठक में शामिल हुए. ओडिशा में भाजपा ने 147 सदस्यीय विधानसभा में 78 सीटें जीतकर बीजद के 24 साल के शासन को समाप्त करते हुए सत्ता हासिल की है.
ओडिशा के चुनाव ने सभी को चौंकाया
दूसरी ओर, पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी ने 51 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 14 और सीपीआई (एम) ने एक सीट जीती. तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी हुए. बीजद राज्य में लोकसभा की कोई भी सीट जीतने में विफल रही, जबकि भाजपा ने 20 और कांग्रेस ने एक सीट जीती. शनिवार को, चुनावों में हार के बाद अपने सहयोगी पांडियन पर अपनी पहली टिप्पणी में, बीजद सुप्रीमो और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा था कि पार्टी की हार के लिए पांडियन की आलोचना “दुर्भाग्यपूर्ण” थी. पटनायक ने जोर देकर कहा कि उन्होंने “शानदार काम” किया.