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नई दिल्ली: संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात करना महाराष्ट्र की राजनीति में जल्द होने वाले किसी बड़े उलटफेर का इशारा हो सकता है. इसे लेकर देशभर में चर्चाएं तेज हो गई हैं. इसी के चलते अब एनसीपी नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मुलाकात पर सफाई पेश की है.
महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री नवाब मलिक का कहना है कि, 'शरद पवार और पीएम मोदी की मुलाकात के बारे में कई लोग गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से मुलाकात के पीछे महाराष्ट्र के विपक्षी नेताओं की भूमिका है. यह झूठ है कि दिल्ली में पवार साहब और महाराष्ट्र के विपक्षी नेताओं के बीच कोई मीटिंग हुई है.'
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नवाब मलिक ने आगे कहा कि, 'शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए समय मांगा था. फिर यह आवंटित किया गया और बैठक हुई. इस मुलाकात के दौरान लिखित रूप में कहा गया कि बैंक नियामक अधिनियम में किए गए परिवर्तन और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को अधिक अधिकार देने से सहकारी बैंक की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है. इसके अलावा पवार ने राज्यों में कोरोना की स्थिति पर भी चर्चा की. यदि कोई राष्ट्रीय कोविड नीति बनाई जाती है तो उस पर कोई राजनीति नहीं होगी. वैक्सीनेशन की कमी को लेकर भी चर्चा हुई.
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मलिक ने कहा कि बीजेपी और एनसीपी एक नदी के दो छोर हैं. जब तक नदी में पानी है तब तक दोनों साथ नहीं आ सकते. हम वैचारिक और राजनीतिक रूप से बिल्कुल अलग हैं. राजनीति विचारों के आधार पर होती है. संघ का राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादी पार्टी के राष्ट्रवाद में जमीन आसमान आ अंतर है. नदी के दो छोर कभी नहीं मिल सकते, ये सच्चाई है. बीजेपी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक साथ आना असंभव है.
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