NEET Controversy 2024: नीट परीक्षा विवाद में सरकार की तरफ से कुछ गड़बड़ी की बात स्वीकार करने के बाद भी परीक्षार्थियों की नाराजगी दूर नहीं हुई है. विपक्ष सरकार पर हमलावर है. संसद में भी इसका असर दिख सकता है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि नीट में कुछ स्थानों से विसंगतियां सामने आई हैं. जो भी दोषी पाए जाएंगे, फिर चाहे वह नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएग. सरकार विसंगतियों के सुधार के लिए काम कर रही है. इस बीच, बिहार पुलिस ने 6 ‘पोस्ट-डेटेड चेक’ (Bihar PDC Cheque) बरामद किए हैं, जिसका कनेक्शन परीक्षा माफिया से जोड़ा जा रहा है. तमिलनाडु, दिल्ली हो या बिहार, देशभर में विपक्षी दलों के नेता एनडीए सरकार पर निशाना साध रहे हैं. स्टूडेंट्स का प्रदर्शन भी चल रहा है. आइए 10 प्वाइंट्स में जानते हैं NEET विवाद का ताजा अपडेट.
- सरकार का बयान: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि नीट में कुछ विसंगतियां ध्यान में आई हैं. जहां-जहां इस प्रकार की गड़बड़ियों की सूचना पुख्ता जानकारी के साथ मिल रही है, उस पर कोर्ट की निगरानी में कार्रवाई की जा रही है. नीट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा शत-प्रतिशत पारदर्शी हो, सरकार उसके लिए प्रतिबद्ध है.
- बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने 6 पीडीसी (पोस्ट-डेटेड चेक) बरामद किए हैं. इनके बारे में संदेह है कि ये माफिया के लिए जारी किए गए थे. पिछले महीने आयोजित नीट परीक्षा से पहले कथित लीक प्रश्नपत्र की मांग करने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी से 30 लाख रुपये से अधिक की मांग की गई थी. ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा, ‘जांच के दौरान, ईओयू के अधिकारियों ने छह ‘पोस्ट-डेटेड चेक’ बरामद किए, जो उन अपराधियों के पक्ष में जारी किए गए थे, जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षा से पहले उम्मीदवारों को प्रश्नपत्र उपलब्ध कराए थे.’ जांचकर्ता संबंधित बैंकों से खाताधारकों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं.
- बिहार पुलिस ने कथित नीट-यूजी 2024 पेपर लीक मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें चार परीक्षार्थी और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं. सभी आरोपी बिहार के हैं. EOU ने नौ अभ्यर्थियों (बिहार से सात और उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से एक-एक) को भी जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया है.
- PM की चुप्पी पर सवाल: राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) को लेकर जारी विवाद के बीच पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने अनियमितताओं के आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त अधिकारियों से कराने की मांग की है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह परीक्षा आयोजित करने के तौर तरीकों को लेकर सभी राज्यों के साथ गहन विचार-विमर्श करे. राज्यसभा सदस्य सिब्बल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल किया. उन्होंने कहा कि अगर किसी परीक्षा में परीक्षा तंत्र ही भ्रष्ट हो जाए तो प्रधानमंत्री के लिए चुप्पी साधना ठीक नहीं है.
- संसद में होगा हंगामा? कपिल सिब्बल ने सभी राजनीतिक दलों से आगामी संसद सत्र में इस मामले को जोर-शोर से उठाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा होने की उम्मीद कम है क्योंकि सरकार इस मामले के न्यायालय में विचाराधीन होने का हवाला देकर इसकी अनुमति नहीं देगी. सिब्बल 29 मई 2009 से 29 अक्टूबर 2012 तक मानव संसाधन विकास (अब शिक्षा विभाग) मंत्री थे.
- 30 लाख में पेपर लीक? कांग्रेस पार्टी ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी के एक्स हैंडल पर कहा गया, 'NEET का पेपर लीक हुआ. 30 से 32 लाख रुपए में पेपर लीक किया गया. परीक्षा से एक दिन पहले बच्चों को पेपर रटवाया गया. ये सारी बातें पेपर लीक के आरोपी ने कबूल की हैं, लेकिन मोदी सरकार के मंत्री मानने को तैयार ही नहीं कि पेपर लीक हुआ है.'
- कांग्रेस ने आगे कहा, 'देश के 24 लाख बच्चों के साथ अन्याय हुआ, उनके सपनों को रौंदा गया, जिसके लिए सिर्फ मोदी सरकार जिम्मेदार है. पर अफसोस कि जिम्मेदारी से भागना PM मोदी और उनके मंत्रियों की पुरानी आदत रही है. हमारी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस मामले की जांच हो और छात्रों को हर कीमत पर न्याय मिले.
- दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने NEET परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने फिर से परीक्षा कराए जाने की मांग कर रहे छात्रों के समर्थन में आने की जनता से अपील की है. भारद्वाज ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘यह हमारे 24 लाख बच्चों से जुड़ा एक बहुत गंभीर मुद्दा है, जिन्होंने डॉक्टर बनने की उम्मीद के साथ साल भर तैयारी की और एमबीबीएस परीक्षा में शामिल हुए.’ उन्होंने कहा, ‘हर जगह से खबर आ रही है कि इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. डॉक्टर बनने के लिए दिन में 18 घंटे पढ़ाई करने वाले ये छात्र बहुत दुखी हैं. वे एक छोटी सी बात मांग रहे हैं कि परीक्षा दोबारा कराई जाए. क्या केंद्र इस छोटी सी मांग को नहीं मान सकता?’
- गुजरात में भी बड़ा खेल? खबरों का हवाला देते हुए भारद्वाज ने आरोप लगाया कि गुजरात में जिस केंद्र पर परीक्षा आयोजित की गई थी, वहां छात्रों से उन प्रश्नों को छोड़ने के लिए कहा गया था जिनके उत्तर उन्हें नहीं पता थे और केंद्र पर मौजूद शिक्षकों ने बाद में पैसे लेकर उनकी जगह उत्तर लिख दिए थे. उन्होंने कहा, ‘ऐसी घटनाओं से हमारे देश की प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और इन 24 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब जाएगा...विदेशों में भारतीय डॉक्टरों की मांग है क्योंकि वे जानते हैं कि हमारी परीक्षा प्रणाली सख्त और विश्वसनीय है.’
- राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) 2024 का आयोजन NTA द्वारा 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर 24 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के लिए किया गया था. नीट-यूजी 2024 का परिणाम चार जून को घोषित किया गया था. रिजल्ट घोषित होते ही हंगामा मच गया. कई छात्रों ने विसंगतियों का आरोप लगाया. नीट-यूजी परीक्षा देशभर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा आयोजित की जाती है.