1989 में राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले नेफियू रियो चौथी बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले राजनेता हैं.
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कोहिमा : नेफियू रियो ने आज (8 मार्च) को नागालैंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वह चौथी बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले राजनेता हैं. इससे पहले वह 2003-08, 2008-13 और 2013-14 के दौरान नागालैंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. कोहिमा में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू, असम के सीएम सर्वानंद सोनोवाल और मेघालय के नए नवेले मुख्यमंत्री कोनराड संगमा शामिल हुए. केंद्र की ओर से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने भी शिरकत की. 1989 में राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के नेता नेफियू रियो ने इस बार बीजेपी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया था. अब बीजेपी के सहयोग से मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. उनके बारे में जानें 5 अहम बातें :
1. 11 नवंबर, 1950 को कोहिमा में जन्मे. स्कूल और कॉलेज के दिनों में ही छात्र नेता के रूप में सक्रिय हुए.
#WATCH Swearing-in ceremony of Nagaland CM designate Neiphiu Rio & others in Kohima https://t.co/vqQaAfCSSt
— ANI (@ANI) March 8, 2018
2. नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने से पहले वह कई संगठनों में अहम पदों पर रहे. वह 1974 में कोहिमा डिस्ट्रिक्ट यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के युवा मोर्चे के अध्यक्ष बने. 1984 में नॉदर्न अंगामी एरिया काउंसिल के चेयरमैन रहे. वह इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी की नागालैंड शाखा के वाइस प्रेसीडेंट भी रहे.
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3. 1989 में रियो ने नॉदर्न अंगामी-द्वितीय सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता. उन्हें राज्य कैबिनेट में स्थान मिला. 1993 में कांग्रेस के टिकट पर दोबारा नॉदर्न अंगामी-द्वितीय सीट से चुनाव जीता. कांग्रेस में रहते हुए 1988 से 2002 तक नागालैंड के गृह मंत्री रहे. 2002 मेंं नागालैंड की समस्या पर तत्कालीन सीएम एससी जमीर से मतभेद होने पर इस्तीफा दिया.
4. कांग्रेस से इस्तीफे के बाद रियो ने नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ज्वाइन किया. यह स्थानीय राजनीतिक दलों और भाजपा से जुड़ी थी. उनके नेतृत्व में डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नागालैंड (डीएएन) गठित हुआ. इस गठबंधन ने 2003 में विधानसभा चुनाव जीता. साथ ही राज्य में कांग्रेस की दस साल की सत्ता समाप्त की.
5. छह मार्च, 2003 को नेफियू रियो पहली बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बने. मुख्यमंत्री का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही नागालैंड में 3 मार्च, 2008 को राष्ट्रपति शासन लगा और उन्हें पद छोड़ना पड़ा. सबसे बड़े दल डीएएन के नेता होने के कारण उन्हें राज्यपाल ने 12 मार्च, 2008 को सरकार बनाने का न्योता दिया. उन्होंने सरकार बनाई. 2013 में नागालैंड में एनपीएफ ने बहुमत से विधानसभा चुनाव जीता और रियो तीसरी बार मुख्यमंत्री बने. वह 23 मई, 2014 तक मुख्यमंत्री रहे. जनवरी 2018 को एनपीएफ के भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद रियो एनडीपीपी में शामिल हुए. एनडीपीपी का अलायंस भाजपा से है.