Parents की Tension बढ़ी: Corona से ठीक होने वाले बच्चे Multisystem Inflammatory Syndrome का बन रहे शिकार
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Parents की Tension बढ़ी: Corona से ठीक होने वाले बच्चे Multisystem Inflammatory Syndrome का बन रहे शिकार

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने कहा कि सरकार बच्चों में होने वाले कोरोना पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है. इसकी उपचार की रणनीति तय करने के लिए बाल रोग विशेषज्ञों का एक समूह तैयार किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और जल्द ही उसके अनुरूप दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) महामारी के खतरे के बीच पेरेंट्स की टेंशन बढ़ाने वाली एक और खबर सामने आई है. कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले बच्चों में दो से छह सप्ताह में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेंटरी सिंड्रोम (Multisystem Inflammatory Syndrome-MIS) के मामले देखे जा रहे हैं. वहीं, केंद्र सरकार ने कहा है कि यह एक आपातकालीन स्थिति है और यदि समय रहते उपचार शुरू किया जाए तो इसे जल्दी ठीक किया जा सकता है. उपचार को लेकर दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे हैं. 

  1. अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं
  2. समय रहते इलाज शुरू करना जरूरी 
  3. कोरोना की तीसरी लहर होगी और घातक

ये हैं MIS के लक्षण

मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेंटरी सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों में बुखार आना, शरीर पर लाल चकते बनना, आंखें आना, सांस फूलना, उल्टी, डायरिया और थकान जैसे लक्षण नजर आते हैं. ‘हिंदुस्तान’ ने अपनी रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से बताया है कि ये लक्षण कोरोना से मिलते-जुलते हैं, लेकिन RTPCR टेस्ट नेगेटिव आता है. कोरोना में जहां संक्रमण फेफड़ों में होता है, MIS में बीमारी पूरे शरीर में फैली प्रतीत होती है, इसलिए इसे मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेंट्ररी सिंड्रोम कहा जाता है.

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Government को सौंपी रिपोर्ट  

ऐसे में जब कोरोना महामारी की तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होने की आशंका जताई जा रही है, मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेंटरी सिंड्रोम के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल के अनुसार, सरकार बच्चों में होने वाले कोरोना पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है. इसकी उपचार की रणनीति तय करने के लिए बाल रोग विशेषज्ञों का एक समूह तैयार किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और जल्द ही उसके अनुरूप दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे.

चुनौती से निपटने के लिए सरकार तैयार

डॉ. वी.के. पॉल ने बताया कि अब तक बच्चों में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) कम हो रहा है और ज्यादातर मामलों में कोई लक्षण प्रकट भी नहीं होते, लेकिन यदि वायरस अपने व्यवहार में कोई बदलाव कर दे या महामारी की प्रवृत्ति बदल जाए तो स्थिति बदल भी सकती है. उन्होंने कहा कि इस मामले में लगातार वैज्ञानिक जानकारियों को अपडेट किया जा रहा है. सरकार नए तरीके से इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है.

 

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