NIA का खुलासा: पठानकोट एयरबेस में सिर्फ 50 रुपए में कोई भी कर सकता था अवैध एंट्री
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NIA का खुलासा: पठानकोट एयरबेस में सिर्फ 50 रुपए में कोई भी कर सकता था अवैध एंट्री

पठानकोट में हुए आतंकी हमले के संबंध में एक और खुलासा हुआ है। सीएनएन-आईबीएन की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी की जांच में इस बात का अंदेशा जताया गया है कि आतंकियों को पठानकोट एयरबेस के अंदर घुसने के लिए आतंरिक समर्थन प्राप्त था। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि 50 रुपए देकर कोई भी अवैध रुप से पठानकोट एयरबेस में दाखिल हो सकता है। स्थानीय निवासियों को 50 रुपए की अल्पराशि का भुगतान करके आसानी से एयरबेस के अंदर अपने पशुओं को चराने के लिए प्रवेश मिल जाता है। हालांकि बाद में सीएनएन-आईबीएन ने NIA के हवाले कहा कि यह खबर निराधार है।

पठानकोट एयरफोर्स बेस

नई दिल्ली: पठानकोट में हुए आतंकी हमले के संबंध में एक और खुलासा हुआ है। सीएनएन-आईबीएन की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी की जांच में इस बात का अंदेशा जताया गया है कि आतंकियों को पठानकोट एयरबेस के अंदर घुसने के लिए आतंरिक समर्थन प्राप्त था। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि 50 रुपए देकर कोई भी अवैध रुप से पठानकोट एयरबेस में दाखिल हो सकता है। स्थानीय निवासियों को 50 रुपए की अल्पराशि का भुगतान करके आसानी से एयरबेस के अंदर अपने पशुओं को चराने के लिए प्रवेश मिल जाता है। हालांकि बाद में सीएनएन-आईबीएन ने NIA के हवाले कहा कि यह खबर निराधार है।

 इस बात का खुलासा होने के बाद अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी आतंकियों के कॉल डिटेल के माध्यम से इस बात का पता लगाने में जुट गई है कि किसने उन्हें आतंरिक सहायता पहुंचाई है। इसके लिए क्षेत्र के मोबाइल टावर के रिकॉर्ड्स की जांच की जा रही है। रिपोर्ट्स में इस बात का अंदेशा जताया गया है कि पठानकोट में घुसैपठ करने के लिए आतंकियों को आंतरिक सहायता मिली थी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुठभेड़ शुरू होने से पहले आतंकियों द्वारा इस्तेमाल हथियार और गोलाबारुद की तस्करी हुई थी। जांच में इस बात का पता चला है कि अवैध रूप से पठानकोट एयरबेस में 50 रुपए देकर प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही थी। अब राष्ट्रीय जांच एजेंसियां कॉल डिटेल खंगालकर इस बात का पता लगाने में जुटी हुई हैं कि किसने आतंकियों को आतंरिक सहायता दी थी। 

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकियों के लिए यह संभव नहीं था कि वो इतनी मात्रा में गोला-बारुद के साथ अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर को क्रॉस कर पाते, वाहनों को हाइजैक करते, एयरबेस की 10 फुट ऊंची दीवार को फांदकर हमला कर पाते। इसके अलावा, एक और तथ्य है जिसकी तरफ जांच एजेंसियों का ध्यान आकर्षित हुआ है, वह यह है कि उन तीन फ्लडलाइट को किसने ऊपर की तरफ किया। जांच एजेंसियों ने पूछताछ के लिए सेना के एक सैनिक और इंजनीयरिंग सेवा के एक कर्मचारी को हिरासत में लिया है। आतंकियों को कैसे इस बात का भरोसा था कि वो 11 फुट की ऊंची दीवार को कूदकर एयरबेस के अंदर प्रवेश कर पाएंगे?  सूत्रों का कहना है कि तीन फ्लडलाइट को छोड़कर इलाके के सभी फ्लडलाइन अपनी वास्तविक पॉजिशन में ही थे।

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