कोरोना के बाद देश में इस जानलेवा वायरस का खतरा, केरल में हुई पहली मौत
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कोरोना के बाद देश में इस जानलेवा वायरस का खतरा, केरल में हुई पहली मौत

जानलेवा वायरस निपाह से केरल में एक 12 साल के लड़के की मौत हो गई है, जिसके बाद सरकारें सतर्क हो गई हैं. केंद्र की तरफ से केरल में एक टीम भेजी गई है, जो वायरस को फैलने से रोकने के लिए रूपरेखा तैयार करेगी.

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: देश में कोरोना से सबसे बुरा हाल केरल का है. अब केरल में एक और वायरस की एंट्री हो गई है. दरअसल, केरल में निपाह वायरस से एक 12 साल के बच्चे की मौत हो गई है. निपाह वायरस का ये मामला केरल (Kerala) के कोझिकोड जिले में मिला है. बच्चे में निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण मिलने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई है. यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने दी है. बच्चे की मौत के बाद सरकार सतर्क हो गई और केंद्र ने भी तकनीकी सहायता के लिए अपनी एक टीम को केरल रवाना कर दिया है. ये टीम आज ही केरल पहुंच जाएगी.

  1. केरल में 12 साल के बच्चे की निपाह वायरस से मौत
  2. 2018 में पहली बार केरल में ही मिला था पहला केस
  3. केंद्र ने निपाह से बचाव के लिए दिये 4 सुझाव

जानकारी के मुताबिक कोझीकोड जिले में 3 सितंबर को निपाह वायरस का एक संदिग्ध केस मिला था, जिसमें 12 वर्षीय एक बच्चे में इंसेफेलाइटिस और मायोकार्डिटिस के लक्षण पाए गए थे. बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद आसपास के लोग डरे हुए हैं. वहीं केंद्र सरकार ने तकनीकी सहायता देने के वास्ते राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की एक टीम को राज्य में भेजा है. स्वास्थ्य विभाग के एक सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने निपाह के संदिग्ध संक्रमण की सूचना मिलने के बाद शनिवार देर रात स्वास्थ्य अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक की. हालांकि राज्य सरकार ने अभी तक आधिकारिक तौर पर निपाह वायरस की मौजूदगी की घोषणा नहीं की है, इसे संदिग्ध मरीज ही माना जा रहा है.

लड़के के फाइवर को भी रखा गया है निगरानी में

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में लड़के के निपाह वायरस के लिए भेजे गए तीनों सैंपल पॉजिटिव पाए गए थे. मंत्री ने कहा कि लड़के को कुछ दिनों पहले तेज बुखार आया, जिसके बाद उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शुरूआत में उसको दिमागी बुखार से पीड़ित होने का संदेह था, लेकिन बाद में सैंपल को आगे के टेस्ट के लिए एनआईवी ले जाया गया. उन्होंने कहा कि लड़के के सभी रिश्तेदारों और उसके इलाज में शामिल सभी लोगों को क्वारंटीन में रखा गया है. अधिकारियों ने लड़के से जुड़े कुल 30 लोगों को निगरानी में रखा है और 17 सैंपल जांच के लिए भेजे हैं.

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सरकार ने दिये हैं ये सुझाव

केंद्र सरकार की ओर से तत्काल 4 बड़े कदम उठाने का भी सुझाव दिया गया है- 

इसमें परिवार, गांव और आसपास के इलाकों में एक्टिव मामलों की ट्रेसिंग
बीते 12 दिनों में लड़के के संपर्क में आए लोगों की एक्टिव कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग
संपर्क में आए लोगों को कड़े क्वारंटाइन में रखना  
अन्य संदिग्धों को भी आइसोलेशन में रखना, जांच के लिए सैंपल टेस्टिंग और उसे लैब तक पहुंचाना

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ऐसे फैलता है वायरस

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization, WHO) के अनुसार यह वायरस सूअर से इंसानों में फैला था. वहीं विशेषज्ञों के अनुसार निपाह वायरस चमगादड़ से फैलता है. ऐसे चमगादड़ को फ्रूट बैट कहा जाता है जो फल खाते हैं और अपनी लार को फल पर छोड़ देते हैं. ऐसे फल को खाने वाले जानवर अथवा इंसान निपाह वायरस से संक्रमित हो जाते हैं. यह जानलेवा वायरस सबसे अधिक दिमाग को नुकसान पहुंचता है. भारत में इसका पहला मामला केरल के कोझीकोड जिले में 19 मई, 2018 को दर्ज किया गया.

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