जानिए नीतीश कुमार ने कब-कब सुनी अपनी 'अंतरात्मा' की आवाज
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जानिए नीतीश कुमार ने कब-कब सुनी अपनी 'अंतरात्मा' की आवाज

यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार ने अपना पाला बदला है. अपने राजनीतिक करियर में नीतीश कई बार यू-टर्न ले चुके हैं. एक नजर डालते हैं उन मौकों पर जब नीतीश ने पाला बदला और अपनी राजनीति को चमका दिया. 

नीतीश कुमार ने गुरूवार को छठी बार बिहार के सीएम पद की शपथ ली. (file)

नई दिल्ली : बिहार में महागठबंधन खत्म हो चुका है और नीतीश छठी बार बिहार के सीएम पद की शपथ ले चुके हैं. बुधवार शाम एक बार फिर नीतीश कुमार ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार ने अपना पाला बदला है. अपने राजनीतिक करियर में नीतीश कई बार यू-टर्न ले चुके हैं. एक नजर डालते हैं उन मौकों पर जब नीतीश ने पाला बदला और अपनी राजनीति को चमका दिया. 

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जब बीजेपी का दामन थामकर चढ़ी सफलता की सीढ़ियां

-लालू से अलग होने के बाद 1994 में नीतीश कुमार ने जॉर्ज फर्नांडीज के साथ मिलकर समता पार्टी बना ली. 1996 में नीतीश की समता पार्टी ने बीजेपी से गठजोड़ किया और लालू विरोध का झंडा जोर-शोर से उठा लिया. बीजेपी का साथ नीतीश को रास आया और जेडीयू के समता पार्टी में तब्दील होने के बाद भी यह साथ बना रहा. 
-2000 में बीजेपी की मदद से नीतीश कुमार पहली बार 7 दिन के लिए सीएम बने. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद वह केंद्र की सरकार में शामिल हो गए. वह 19 मार्च 1998 – 5 अगस्त 1999 और  20 मार्च 2001 – 21 मई 2004 के लिए एनडीए सरकार में रेल मंत्री रहे. इसके अलावा उन्होंने एनडीए सरकार में कई दूसरे मंत्रालय भी संभाले. 
-इसके बाद 2005, 2008 और 2010 में तीन बार नीतीश बीजेपी के साथ गठबंधन कर बिहार के सीएम बने. 

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जब मोदी को बहाना बनाकर छोड़ दिया बीजेपी का साथ

-बीजेपी-जेडीयू गठबंधन में सबकुछ ठीक ही चल रहा था कि जून 2013 में उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ दिया. 
-उस वक्त गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी के बीजेपी द्वारा पीएम कैंडिडेट बनाने के विरोध में उन्होंने बीजेपी ने नाता तोड़ लिया. 

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सीएम पद से इस्तीफा देकर मांझी को बना दिया सीएम और फिर हटाया

-लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की काररी हार के बाद नैतिकता का हवाल देकर नीतीश ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और जीतनराम मांझी को सीएम की गद्दी सौंप दी.
-हालांकि थोड़े समय बाद ही उनके मांझी से मतभेद होने लगे. नीतीश मांझी को सीएम की कुर्सी से हटाने में कामयाब रहे और वह फिर से सीएम बन गए. 

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पुराने दोस्त लालू का हाथ थमा और जीता 2015 विधानसभा चुनाव

-नीतीश का सबसे बड़ा यूटर्न रहा 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में लालू की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाना. 
-कभी दोस्त रहे और फिर कट्टर राजनीतिक विरोधी रहे लालू-नीतीश की इस दोस्ती का अंदाजा कोई भी नहीं लगा सकता था. नीतीश अपने साथ कांग्रेस को भी जोड लिया महागबंधन का बना लिया. विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को शानदार कामयाबी मिली और नीतीश फिर बिहार के सीएम बने.

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26 जुलाई 2017 नीतीश फिर बीजेपी के पास चले गए

-बिहार में भ्रष्टाचार के एक मामले में फंसे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को लेकर हुए विवाद के बीच बुधवार (26 जुलाई) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. 
-इसके साथ ही महागठबंधन की 20 महीने पुरानी सरकार गिर गई. देर रात में ही नीतीश कुमार ने बीजेपी विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की और गुरूवार सुबह उन्होंने छठी बार सीएम पद की शपथ ले ली. 

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