Trending Photos
नई दिल्ली: साल 2021 में जाति आधारित जनगणना पर केंद्र सरकार ने अपना स्टैंड साफ कर दिया है और महाराष्ट्र सरकार की याचिका के जवाब में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दायर कर कहा है कि पिछड़ी जातियों की गणना (Census of Backward Classes) प्रशासकीय दृष्टिकोण से कठिन है. केंद्र ने कहा कि जनगणना के दायरे से इस तरह की सूचना को अलग करना 'सतर्क नीति निर्णय' है.
महाराष्ट्र सरकार की एक याचिका के जवाब में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया. महाराष्ट्र सरकार ने याचिका दायर कर केंद्र और अन्य संबंधित प्राधिकरणों से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से संबंधित एसईसीसी 2011 के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग की और कहा कि बार-बार आग्रह के बावजूद उसे यह उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. केंद्र का रुख इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 10 दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की थी.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SICC) 2011 में काफी गलतियों और अशुद्धियों के साथ भ्रम की स्थिति थी. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव की तरफ से दायर हलफनामे में कहा गया है कि केंद्र ने पिछले साल जनवरी में एक अधिसूचना जारी कर जनगणना 2021 के लिए जुटाई जाने वाली सूचनाओं का ब्यौरा तय किया था और इसमें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति से जुड़े सूचनाओं सहित कई क्षेत्रों को शामिल किया गया, लेकिन इसमें जाति के किसी अन्य श्रेणी का जिक्र नहीं किया गया है.
दायर हलफनामे में कहा गया कि साल 2021 में जाति आधारित जनगणना ना कराना केंद्र सरकार का सोचा-समझा फैसला है. इस बार की जनगणना में भी पहले की तरह अनुसूचित जाति और जनजाति के अलावा कोई जाति आधारित गणना नहीं होगी. इसमें कहा गया है कि ओबीसी/बीसीसी (बैकवर्ड क्लास सिटीजन) की गणना को हमेशा प्रशासनिक रूप से बेहद जटिल माना गया है और यहां तक कि जब आजादी से पहले की अवधि में जातियों की जनगणना की गई थी, तब भी डेटा के पूर्णता और सटीकता के संबंध में गलतियां थीं.
मामला गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने सुनवाई के लिए आया था. बेंच इस मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को करेगी.
लाइव टीवी