रेमेडिसिवर इंजेक्शन को आम लोगों को मुहैया कराने के लिए एडवोकेट अमित सक्सेना ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल कर भारत सरकार से उस रोक को तत्काल हटाने की मांग की है जिसके तहत कुछ फार्मा कंपनियों पर देश में इसकी सेल पर बैन लगा है.
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नई दिल्ली: एक तरफ जहां कोरोना से लोग लगातार जान गंवा रहे हैं. वहीं इस बीमारी में मरीज के लिए 'जीवन रक्षक' समझे जाने वाले रेमेडिसिवर (Remdesivir) इंजेक्शन की किल्लत की वजह से जमकर कालाबाजारी हो रही है.
लोगों की जान बचाने और रेमेडिसिवर इंजेक्शन को आम लोगों को मुहैया कराने के लिए एडवोकेट अमित सक्सेना ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल कर भारत सरकार (Government Of India ) से उस रोक को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की है जिसके तहत कुछ फार्मा कंपनियों (Pharma Companies) के ऊपर रेमेडिसिवर इंजेक्शन को भारतीय बाजार में बेचने पर बैन लगा है.
एडवोकेट ने याचिका में भारत सरकार, सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन, और डीजीएफटी यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड को भी पार्टी बनाया है. PIL में बताया गया है कि देश में करीब 25 फार्मा कंपनियां रेमेडिसिवर इंजेक्शन बनाती है जिसमे से सिर्फ 6 से 8 कंपनियों को ही ये इंजेक्शन भारत के घरेलू बाजार में बेचने का लाइसेंस मिला है. जबकि बाकी कंपनियां रेमेडिसिवर का निर्यात करती थीं लेकिन कुछ समय से भारत सरकार ने जब इसके निर्यात पर रोक लगाई तो बड़ी तादाद में 'रेमेडिसिवर' देश के अलग अलग पोर्ट पर रोक लिए गए थे.
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई है कि कोर्ट, रेमेडिसिवर इंजेक्शन को रिलीज करके जरूरत मंद लोगों को देने का आदेश सरकार को दे ताकि महामारी के दौर में इसकी कालाबाज़ारी को भी रोका जाए. दरअसल फार्मा कंपनी इस सरकारी नियम की वजह से ना तो इसे विदेशों में भेज सकते है और ना ही बिना लाइसेंस के भारतीय बाजार में बेच सकते है. लिहाजा याचिकाकर्ता ने त्वरित कार्रवाई के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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एडवोकेट अमित सक्सेना ने ज़ी न्यूज़ (Zee News) से बात करते हुए बताया कि 'देश में रेमेडिसिवर इंजेक्शन की कमी नहीं है जिस इंजेक्शन को दूसरे देश के लोग लगा सकते है उन्हें भारत मे बेचने का लाइसेंस भारत सरकार ने नहीं दिया है. हमने कोर्ट से आग्रह किया है कि कोरोना के इस दौर में वो भारत सरकार को आदेश दे कि वो उन सभी कंपनियों को भारतीय बाजार में अपना माल बेचने की इजाजत दी जाए ताकि रेमेडिसिवर इंजेक्शन हर जरूरत मंद को कम कीमत पर मुहैया हो सके'.
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