JNU में पूर्वोत्‍तर के छात्रों के लिए बनेगा छात्रावास, मंत्रालय ने जारी किए 11 करोड़ रुपये
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JNU में पूर्वोत्‍तर के छात्रों के लिए बनेगा छात्रावास, मंत्रालय ने जारी किए 11 करोड़ रुपये

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पूर्वोत्‍तर में जारी परियोजनाओं और भविष्य की योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान लिया निर्णय. 

जेएनयू में पूर्वोत्‍तर के छात्र और छात्राओं के लिए बनेंगा चार मंजिला छात्रावास. (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: जवाहर लाल नेहरू विश्‍वविद्यालय में पूर्वोत्‍तर के छात्रों के लिए अपने तरह के अलग छात्रावास का निर्माण किया जाएगा. इस छात्रावास के निर्माण का फैसला सोमवार को केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और और पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) की समीक्षा बैठक के दौरान लिया. इस फैसले पर अमल करते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने 11 लाख रुपए की राशि जारी कर दी है. योजना के तहत 224 कमरों के इस छात्रावास में करीब 424 छात्रों के रहने की व्‍यवस्‍था होगी. 

  1. 11 करोड़ की लागत से जेएनयू में बनेगा पूर्वोत्‍तर के छात्रों के लिए छात्रावासों
  2. 424 कमरों के इस छात्रावास में रह सकेंगे 200 लड़के और 200 लड़कियां
  3. पूर्वोत्‍तर के छात्रों के लिए बनने वाले इस छात्रावास में दिव्‍यांगों के लिए अलग कमरे
  4.  

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि जेएनयू में बनने वाला यह छात्रावास अपनी तरह का पहला छात्रावास होगा. इस छात्रावास के 224 कमरों में से 24 कमरे दिव्यांग छात्रों के लिए होंगे. इसके अलावा, अन्‍य कमरों में 200 लड़के और 200 लड़कियां रहे सकेंगे. चार मंजिला छात्रावास लगभग डेढ़ एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा. उन्‍होंने बताया कि जल्‍द ही इस छात्रावास का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. 

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उन्हें यह भी बताया गया कि बेंगलुरु में पूर्वोत्तर छात्राओं के लिए प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया छात्रावास शुरू हो गया है. इन छात्रावासों के अलावा, दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों और संस्थानों में पढ़ने वाले पूर्वोत्तर छात्रों के लिए रोहिणी छात्रावास के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए, डीडीए को 2.5 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. छात्रावास लगभग 5 एकड़ के क्षेत्र में बनाया जाएगा.

समीक्षा बैठक के दौरान, नई दिल्ली के द्वारका में स्थापित किए जाने वाले पूर्वोत्तर सांस्कृतिक और सूचना केंद्र की स्थिति पर भी चर्चा की गई. इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 50 करोड़ रुपये है. डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने बताया कि यह केंद्र दिल्ली में पूर्वोत्तर क्षेत्र के सांस्कृतिक और सम्मेलन और सूचना केंद्र के रूप में कार्य करेगा. इसका निर्माण अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप किया जाएगा.  इसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र पर सामग्री के साथ एक पुस्‍तकालय-सह-अध्‍ययन कक्ष होगा.

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डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता रही है. उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए चल रही विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सभी प्रयास करेगी और पूर्वोत्तर के लोगों के लाभ के लिए नई परियोजनाओं को शुरू करने के लिए उपाय करेगी. उन्होंने कहा कि मंत्री जल्द ही पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी यात्रा शुरू करेंगे ताकि वहां की सही स्थिति का आकलन किया जा सके.

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