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प्रयागराज: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में तीर्थराज और संगम नगरी के नाम से मशहूर प्रयागराज के प्रशासन ने जिले में चोरी हुए वाहनों का पता लगाने के लिए पुख्ता इंतजाम किया है. चोरी हुई गाड़ियों का पता लगाने के लिए अब शहर के चौराहों पर ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए लगाए गए स्मार्ट कैमरे मदद करेंगे.
ये कैमरे AI (आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस) तकनीक पर काम करते हैं. जिले में इस सिस्टम को लाने वाले वीहांत टेक्नोलॉजीज के फाउंडर और CEO कपिल ने बताया कि किसी भी गाड़ी के चोरी होने की FIR दर्ज होने के बाद पुलिस उस गाड़ी का नंबर कंप्यूटर सिस्टम में डाल देगी. फिर भविष्य में जैसे ही चोरी हुआ वाहन इन कैमरों से लैस चौराहों से गुजरेगा, तो कैमरों में मौजूद सिस्टम उसका नंबर दिखते ही कंट्रोल रूम को अलर्ट भेजेगा, ताकि पुलिस फौरन एक्शन लेते हुए चोरी के केस को सुलझा सके.
बरडेजा ने बताया कि इसके अलावा, इस कैमरे में उपयोग की गई प्रणाली कम ट्रैफिक वाले चौराहे पर हरी बत्ती बंद कर लाल बत्ती जला देगी और व्यस्त मार्ग (जहां वाहनों की संख्या अधिक हो) की हरी बत्ती जला देगी ताकि यातायात सुचारू हो सके.
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स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत लखनऊ में वाहनों की रफ्तार का पता लगाने, गलत तरीके से वाहन चलाने यानी रैश ड्राइविंग करने वालों के साथ चोरी हुई गाड़ियों का पता लगाने के लिए इसी तकनीक से लैस 215 एडवांस CCTV कैमरे लगाए जा चुके हैं.
प्रयागराज में ये है प्लान
उन्होंने बताया कि कंपनी ने प्रयागराज की कुल 300 लेन में वाहनों की नंबर प्लेट पढ़ने वाली प्रणाली से लैस 53 कैमरे, लाल बत्ती पर नहीं रुकने वाले वाहनों का पता लगाने वाली प्रणाली के 144 कैमरे और वाहनों का पता लगाने वाले 110 कैमरे लगाए गए हैं. कंपनी शहर में 300 से अधिक कैमरे लगा रही है.
बरडेजा ने बताया कि कृत्रिम मेधा के क्षेत्र में अग्रणी वीहांत टेक्नोलॉजीज ने उत्तर प्रदेश के बरेली और सहारनपुर में भी यातायात प्रबंधन के लिए स्मार्ट कैमरे लगाने का काम शुरू किया है.
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