जन्म के समय ही अब बच्चे को मिल सकता है ‘दलित’ का दर्जा
Advertisement
trendingNow1276559

जन्म के समय ही अब बच्चे को मिल सकता है ‘दलित’ का दर्जा

केंद्र सरकार ऐसी योजना बनाने जा रही है कि बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र ही उसका जाति प्रमाणपत्र बन जाएगा। बच्चे के एक ही सर्टिफिकेट से दोनों काम चल जाएंगे। एक प्रस्ताव यह भी है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूल आठवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) छात्रों के लिए जाति और अधिवास प्रमाणपत्र जारी करने के लिए जिम्मेदार होंगे। कई जगह एससी और एसटी अभ्यर्थियों को आने वाली दिक्कतों के संबंध में केंद्र को शिकायतें मिलती रहती हैं।

नई दिल्‍ली : केंद्र सरकार ऐसी योजना बनाने जा रही है कि बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र ही उसका जाति प्रमाणपत्र बन जाएगा। बच्चे के एक ही सर्टिफिकेट से दोनों काम चल जाएंगे। एक प्रस्ताव यह भी है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूल आठवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) छात्रों के लिए जाति और अधिवास प्रमाणपत्र जारी करने के लिए जिम्मेदार होंगे। कई जगह एससी और एसटी अभ्यर्थियों को आने वाली दिक्कतों के संबंध में केंद्र को शिकायतें मिलती रहती हैं।

सरकार द्वारा तैयार दिशानिर्देशों के मसौदे के अनुसार, एक बच्चे के जन्म प्रमाणपत्र में उसके ‘दलित’ होने का जिक्र किया जा सकता है। इसके अलावा, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूल आठवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) छात्रों के लिए जाति और अधिवास प्रमाणपत्र जारी करने के लिए जिम्मेदार होंगे। प्रवेश के लिए आवेदन और केंद्र सरकार के तहत सेवाओं के लिए जाति या अधिवास प्रमाणपत्र हासिल करने में एससी और एसटी अभ्‍यर्थियों को आने वाली दिक्कतों के संबंध में केंद्र को समय समय पर अभिवेदन मिलते रहे हैं।

कोई व्यक्ति किसी विशिष्ट राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का निवासी है इसे प्रमाणित करने के लिए उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के संबंधित अधिकारी अधिवास प्रमाणपत्र जारी करते हैं। शैक्षणिक संस्थानों और राज्य या केंद्र सरकार की सेवाओं के साथ ऐसी नौकरियों जिनमें स्थानीय निवासियों को वरीयता उपलब्ध हो उनमें अधिवास या आवास कोटा के लाभ के लिए ऐसे प्रमाणपत्र जारी किए जाते हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से तैयार मसौदा दिशानिर्देश में लिखा है, इस बात की भी संभावना है कि जन्म प्रमाणपत्र में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के दर्जे का संकेत दिए जा सके। इसके अनुसार, एससी या एसटी छात्रों को प्रमाणपत्र हासिल करने में आने वाली दिक्कतों को कम करने के लिए देशभर में एससी और एसटी छात्रों को आठवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान जाति और आवास प्रमाणपत्र जारी करने का प्रस्ताव दिया गया है।

गौर हो कि कोई व्यक्ति किसी विशिष्ट राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का निवासी है इसे प्रमाणित करने के लिए उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के संबंधित अधिकारी अधिवास प्रमाणपत्र जारी करते हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)

Trending news