यह घटना उस समय हुई जब मडना गांव में अपने खेत में अरहर की फसल में कथित तौर पर आग लगाई और उसमें कूद गया.
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नागपुर: महाराष्ट्र में नागपुर जिले के 85 वर्षीय एक किसान ने पिछले सप्ताह अपने फसल में आग लगा ली और उसमें कूदकर कथित तौर पर खुदकुशी कर ली. पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पुलिस को संदेह है कि किसान गोपाल जाने ने स्वास्थ्य मुद्दों के कारण खुदकुशी की. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि यह घटना एक मार्च को शाम में उस समय हुई जब जाने ने मडना गांव में अपने खेत में अरहर की फसल में कथित तौर पर आग लगाई और उसमें कूद गया. संपर्क करने पर जलालखेड़ा थाना के इंस्पेक्टर जी आर ताम्बे ने बताया, ‘‘प्रारंभिक जांच के मुताबिक, पीड़ित किसान स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्या से पीड़ित था.
उसे किडनी में समस्या थी.’’ ग्रामीणों और जाने के रिश्तेदारों के हवाले से पुलिस अधिकारी ने कहा कि किसान ने पूर्व में भी खुदकुशी करने का प्रयास किया था. पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रही है और दुर्घटनावश मौत का एक मामला दर्ज किया गया है.
देश में 3 साल में 36000 किसानों ने दी जान
केंद्र सरकार ने पिछले साल बताया था कि, देश में 52 प्रतिशत कृषक परिवारों के कर्जदार होने का अनुमान है और प्रति कृषि परिवार पर बकाया औसत कर्ज 47000 रुपए है. इसके अलावा देश में साल 2014 से 2016 तक, तीन वर्षों के दौरान कर्ज, दिवालियापन एवं अन्य कारणों से करीब 36 हजार किसानों एवं कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की है.
लोकसभा में एडवोकेट जोएस जार्ज के प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के कृषि वर्ष जुलाई 2012-जून 2013 के संदर्भ के लिये देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 70वें राउंड के कृषि परिवार के सर्वेक्षण आंकड़ों के आधार पर यह बात कही थी.