DNA: Ola-Uber में बिन AC से ग्राहक हलकान, चिलचिलाती गर्मी में क्यों 'वसूली' पर उतरे कैब ड्राइवर्स?
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DNA: Ola-Uber में बिन AC से ग्राहक हलकान, चिलचिलाती गर्मी में क्यों 'वसूली' पर उतरे कैब ड्राइवर्स?

Ola-Uber Cab AC: ऐप बेस्ड कैब इस्तेमाल करने वाले कस्टमर्स की शिकायत है कि ड्राइवर्स सफर के दौरान AC ऑन नहीं करते, अगर कोई कस्टमर AC ऑन करने के लिए कहता है तो उनसे AC के लिए अलग से चार्ज किया जाता है. इसी से संबंधित एक तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया में भी वायरल हो रही है.

DNA: Ola-Uber में बिन AC से ग्राहक हलकान, चिलचिलाती गर्मी में क्यों 'वसूली' पर उतरे कैब ड्राइवर्स?

Ola-Uber Cab Fares: इनदिनों महानगरों में ऐप बेस्ड कैब सर्विस का चलन है और महानगरों में रहने वाले लोग ऐप बेस्ड कैब का खूब इस्तेमाल करते हैं. बहुत मुमकिन है कि आपने भी कभी ना कभी ओला-उबर की कैब सर्विस ली होगी. लेकिन इनदिनों कैब सर्विस कंपनी और उनके ड्राइवर्स के बीच चल रही खींचातानी का खामियाजा कैब यूजर्स को भुगतना पड़ रहा है.

ऐप बेस्ड कैब इस्तेमाल करने वाले कस्टमर्स की शिकायत है कि ड्राइवर्स सफर के दौरान AC ऑन नहीं करते, अगर कोई कस्टमर AC ऑन करने के लिए कहता है तो उनसे AC के लिए अलग से चार्ज किया जाता है. इसी से संबंधित एक तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया में भी वायरल हो रही है.

तस्वीर जमकर हो रही वायरल

इस तस्वीर में एक पर्चा कैब की सीट के पीछे चस्पा किया गया है, और इसमें लिखा हुआ है कि AC की मांग करके ड्राइवरों को आत्महत्या के लिए मजबूर ना करें, इसमें यात्रियों को संबोधित करते हुए लिखा है कि ऑनलाइन कैब कंपनियों Ola और Uber ने 30 से 40 प्रतिशत तक कमीशन लेकर उनकी कमर तोड़ रखी है. इसमें यात्रियों से अपील करते हुए आगे लिखा है कि जब तक कंपनियां उनकी नहीं सुनती हैं तब तक यूजर ड्राइवर्स का सहयोग करेंगे और AC की जरूरत होने पर 5 रुपए प्रति किलोमीटर अलग से देंगे.

ये तस्वीर किस कैब ड्राइवर ने खींच कर पोस्ट की है या फिर किस ड्राइवर ने लगाई है ये तो हमें नहीं पता, लेकिन इनदिनों ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. वैसे जमीनी हकीकत भी इससे अलग नहीं है. ड्राइवर्स की मनमानी और AC सर्विस के बदले जबरन वसूली से कस्टमर परेशान हैं. और सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों से शिकायत कर रहे हैं.

AC नहीं चलाने से यूजर्स को हो रही परेशानी

ये माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफार्म X पर OLA और UBER के यूजर्स के पोस्ट हैं, जिसमें ये यूजर्स लागतार कैब कंपनियों से ड्राइवर्स के जबरन AC ना चलाने की शिकायत कर रहे हैं.

इसी तरह सोशल मीडिया पर Cab ड्राइवर और कस्टमर का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. इस वीडियो में AC ऑन करने से पहले कैब ड्राइवर मना कर देता है. फिर लड़ाई इतनी बढ़ जाती है कि कैब ड्राइवर बुकिंग ही कैंसल करके यूजर को कैब से उतरने के लिए कह देता है.

अबतक यही होता था, कि अगर किसी कस्टमर ने ऐप के जरिये कैब बुक की है, तो AC कैब सर्विस AC के साथ मिलेगी. लेकिन अब ओला-उबर कैब ड्राइवर कस्टमर से जबरन AC के लिए अलग से चार्ज वसूल रहे हैं, जिसका सीधा बोझ कैब यूजर्स पर पड़ रहा है। उन्हें भीषण गर्मी में AC के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है.

कैब ड्राइवर्स ने दीं ये दलीलें

तो समझे आप कि किस तरह ओला-उबर के ड्राइवर्स की मनमानी से यूजर्स परेशान हैं, क्योंकि यूजर्स से AC के लिए अलग से पांच रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से पैसा वसूला जा रहा है. हालांकि, इस जबरन वसूली के पीछे इन कैब ड्राइवर्स की अपनी-अपनी दलीलें हैं। जिनका कहना है कि उन्हें घाटे में ऐसा करना पड़ रहा है.

Cab ड्राइवर्स की पहली दलील ये है कि पेट्रोल, डीजल और CNG के दामों में इजाफा हुआ है. जबकि उन्हें मिलने वाले किराये में वृद्धि नहीं हुई है, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है.

Cab ड्राइवर्स की दूसरी दलील ये है कि कैब यूजर्स से जो पैसा उन्हें मिलता है, उसका 30 से 40 फीसदी हिस्सा कंपनी कमीशन के तौर पर रख लेती है, जिस वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है.

कम हुई हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें

अब देखा जाये तो इसमें कैब यूजर्स की कहीं कोई भूमिका नहीं है, किराया बढ़ाना या ना बढ़ाना ये कैब कंपनी का काम है. अभी किराए की जो दरें तय की गई हैं वो तय नियमों के तहत हैं. पिछले कुछ समय में ना पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं ना CNG की दरों में बढ़ोतरी हुई है. बल्कि महीनेभर पहले पेट्रोल और CNG की कीमतें कम ही हुई हैं.

लेकिन ड्राइवर्स की मनमानी की वजह से नुकसान कैब यूजर्स का हो रहा है. उन्हें भीषण गर्मी में पसीना बहाते हुए सफर करना पड़ रहा है या फिर ड्राइवर्स की जबरन वसूली का शिकार होना पड़ता है. मतलब ये कि कैब कंपनियों और ड्राइवर्स के बीच जो खींचतान चल रही है उसमें नुकसान कैब इस्तेमाल करने वालों का हो रहा है.

वसूली कर रहे कैब ड्राइवर्स

जिस तरह के आरोप कैब ड्राइवर्स पर लग रहे हैं, और कस्टमर जो शिकायतें कर रहे हैं उनकी जमीनी हकीकत क्या है. इसपर Zee News संवाददाता शिवांक मिश्रा ने एक ग्राउंड रिपोर्ट भेजी है, जिसे आपको जानना चाहिए और समझना चाहिए कि किस तरह बहाने बनाकर ओला-उबर के ड्राइवर यूजर्स से वसूली कर रहे हैं.

ओला-उबर के ड्राइवर्स की इन दलीलों में कितना दम है, कि वो घाटे की वजह से AC के लिए अलग से चार्ज कर रहे हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है. अब हम इसको डीकोड करेंगे.

भारत में चलने वाली ज्यादातर कैब CNG बेस्ड हैं, क्योंकि पेट्रोल-डीजल के मुकाबले CNG से किफायती पड़ती है और इससे ड्राइवर्स का मुनाफा बढ़ता है. इस समय कैब ड्राइवर को कंपनी से प्रति किलोमीटर किराया 14 से 17 रुपये प्रति किलोमीटर मिलता है. इस लिहाज से Cab कंपनी उपभोक्ता को 10 किलोमीटर की यात्रा करने पर 140 से 170 रुपये देने होते हैं.

गणित क्या है?

  • CNG से संचालित कैब बिना AC के 20 किलोमीटर तक माइलेज देती है, और AC से 17 किलोमीटर. आज दिल्ली में 1 किलो CNG की कीमत 74 रुपए प्रति किलो है.

  •  ऐसे में 10 किलोमीटर सफर पर ड्राइवर का फ्यूल खर्च बिना AC के 37 रुपए के आसपास बनता है, और AC चलाने से 43 रुपये.

  • 10 किलोमीटर के 140 से 170 के किराये में ड्राइवर का 30 प्रतिशत कमीशन कटता है, तब भी ड्राइवर को 83 रुपये बचते हैं। जबकि AC चलाने पर उसका लाभ लगभग 77 रुपये होता है.

  • Zee News के पास मौजूद Ola Uber के बिल के मुताबिक Cab कंपनियां औसतन 20 से 30 प्रतिशत तक ड्राइवर से कमीशन वसूलती हैं.

10 किलोमीटर सफर का हमने सिर्फ एक उदाहरण दिया है, जैसे जैसे यात्रा लंबी होती जाती है. उसी अनुपात में कैब ड्राइवर की बचत बढ़ती रहती है. इस स्थिति में AC के लिए पांच रुपये प्रति किलोमीटर चार्ज वसूलना किसी भी लिहाज से जायज नहीं है. फिर भी इनदिनों ओला-उबर के ड्राइवर AC ना चलाने की जिद पर अड़े हुए हैं. जबकि इन ड्राइवर की दलीलों को वर्ष 2022 के मुकाबले मार्च 2024 देखें तो.

दिसंबर 2022 में दिल्ली में CNG के दाम 79 रुपये प्रति किलोग्राम थे, जबकि मार्च 2024 में दिल्ली में CNG 74 रुपये प्रति किलोग्राम है. यानी पहले के मुकाबले 5 रुपये प्रति किलोग्राम सस्ती.

घाटा होने का दिया था हवाला

  • वर्ष 2022 में ओला-उबर के ड्राइवर्स ने अब की तरह ही, घाटा होने का हवाला दिया था और AC चलाने पर अलग से वसूली करने लगे थे. तब कैब कंपनियों ने 15 से 25 प्रतिशत तक किराये में वृद्धि की थी.

  • मतलब ये कि करीब डेढ़ वर्ष पहले किराये में बढ़ोतरी की गई थी, जबकि उसके बाद CNG के दाम कम ही हुए हैं. फिर भी कैब ड्राइवर जिद पर अड़े हुए हैं, जिसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता. क्योंकि, इसका सीधा असर कैब यूजर्स की जेब पर पड़ रहा है.

  • ऐप बेस्ड कैब सर्विस में तीन लोगों की अहम भूमिका है, पहली कैब कंपनी. दूसरी कैब ड्राइवर और तीसरी कैब यूजर्स. लेकिन मौजूदा समस्या ओला-उबर और उनके ड्राइवर्स के बीच है, लेकिन इससे परेशानी उठा रहे हैं कैब यूजर्स। जिनकी संख्या करोड़ों में है.

मार्केट में हैं दो बड़े प्लेयर्स

  • भारतीय ऑनलाइन कैब बाजार के दो महत्वपूर्ण प्लेयर्स हैं, Ola और Uber

  • आंकड़ों के मुताबिक भारत में ऑनलाइन कैब बुकिंग प्लेटफॉर्म Uber के 13 करोड़ उपभोक्ता हैं, जबकि 10 करोड़ उपभोक्ताओं के साथ Ola दूसरे नंबर पर है.

  • भारत में प्रतिदिन 52 लाख लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए Online Cab का इस्तेमाल करते हैं.

AC ना चलाने की जिद के चलते बड़ी संख्या में कैब यूजर्स परेशान हो रहे हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि इस समस्या से ड्राइवर और कैब यूजर्स ही परेशान हो रहे हैं. जबकि सर्विस प्रोवाइर कैब कंपनी पर कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा, जिसपर कार्रवाई के लिए भी किसी सरकारी संस्थान का होना जरूरी है.

कब होगा ग्राहकों की समस्या का समाधान 

कैब यूजर्स के सामने मौजूदा समस्या ड्राइवर्स के AC ना चलाने की है, हालांकि पहले भी कैब ड्राइवर्स और कैब संबंधित समस्याओं का सामना कैब यूजर्स को करना पड़ा है. कहने को कैब कंपनियां शिकायत के लिए प्लेटफार्म देती हैं. लेकिन उससे क्या समाधान मिलता है ? इसपर Zee News संवाददाता शिवांक मिश्रा ने रिपोर्ट FILE की है. अब आपको शिवांक मिश्रा की ये रिपोर्ट दिखाते हैं.

ओला-उबर जैसी App Based Cab कंपनियां सर्विस के नाम पर मोटी कमाई करती हैं, 20 से 30 फीसदी तक कमीशन लेती हैं. लेकिन जिस तरह से कैब यूजर्स की समस्याओं को नजरअंदाज करती हैं, वो किसी भी तरह से ठीक नहीं है. इसलिए अब यूजर्स मांग करने लगे हैं कि सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के खिलाफ भी एक्शन होना चाहिए.

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