नेपाल- भारत के बीच सीमा विवाद की वजह से जमी बर्फ पिघलती दिख रही है. नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली (KP Sharma oli) के 15 अगस्त को पीएम मोदी (PM Modi) को कॉल करने के बाद भारत अब उससे बातचीत शुरू करने जा रहा है.
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नई दिल्ली: नेपाल- भारत के बीच सीमा विवाद की वजह से जमी बर्फ पिघलती दिख रही है. नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली (KP Sharma oli) के 15 अगस्त को पीएम मोदी (PM Modi) को कॉल करने के बाद भारत अब उससे बातचीत शुरू करने जा रहा है. काठमांडू में आज होने वाली यह बैठक वैसे तो नेपाल में भारत द्वारा चलाए जा रहे विकास प्रोजेक्टों पर आधारित होगी. लेकिन माना जा रहा है इस बैठक के साथ ही दोनों देशों में राजनयिक बातचीत के रास्ते भी खुल सकते हैं.
बता दें कि भारत में उत्तराखंड के कालापानी, लिपुलेख और लिम्प्युधारा को अपने नक्शे में दर्शाने के बाद से नेपाल- भारत के बीच सीमा विवाद चला आ रहा है. नेपाल के कम्युनिस्ट पीएम केपी शर्मा ओली ने अपने देश में फैले कोरोना को भारत की देन बताया और कहा कि असली अयोध्या नेपाल में है. भारत ने नकली अयोध्या बनाकर सांस्कृतिक अतिक्रमण किया है. नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञावली ने भी भारत के खिलाफ कई कड़वे बयान दिए थे. लेकिन भारत ने उनके आरोपों का जवाब देने के बजाय मौनधारण की नीति अपनाए रखी.
दोनों देशों के बर्फ तब पिघलती दिखी दी. जब 15 अगस्त को नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने पीएम नरेंद्र मोदी को फोन करके स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी. साथ ही सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य बनने पर भारत को शुभकामनाएं भी दी. करीब दस मिनट चली इस बातचीत के अगले दिन दोनों देशों ने नेपाल में राजनयिक बातचीत की घोषणा हुई.
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जानकारी के मुताबिक काठमांडू में होने वाली इस बैठक में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा और नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी भाग लेंगे. इस बैठक में नेपाल में भारत की ओर से चलाए जा रहे प्रोजेक्टों की प्रगति पर चर्चा की जाएगी.
सूत्रों का कहना है कि भारत- नेपाल ने आर्थिक और विकास प्रोजेक्टों को बढ़ावा देने के लिए 2016 में एक मैकेनिज्म स्थापित किया था. इसी मैकेनिज्म के तहत दोनों देशों के अफसर नियमित रूप से बैठक करते रहते हैं. हालांकि इस बार यह बैठक ऐसे वक्त में हो रही है. जब दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर विवाद चला आ रहा है. इसलिए यह बैठक इस बार खास मानी जा रही है.
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