Elections In India: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी तत्काल प्रभाव से अपना काम शुरू करेगी और जल्द से जल्द अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगी. लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय और पंचायत के चुनाव देश में एक साथ कराने को लेकर उच्च स्तरीय कमेटी अपनी सिफारिशें देगी.
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One Nation One Election: एक देश-एक चुनाव पर पूरे देश में बहस छिड़ गई है. इसी बीच केंद्र सरकार ने इसके लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में 8 सदस्यीय टीम अपनी सिफ़ारिशें और रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. इस हाई लेवल कमेटी में गृहमंत्री अमित शाह भी सदस्य होंगे. वहीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी को भी इस कमेटी का सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा वरिष्ठ राजनेता गुलाम नबी आज़ाद को भी इस कमेटी में रखा गया है. 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी भी एक देश, एक चुनाव के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी के सदस्य होंगे.
सिफ़ारिशें सरकार को सौंपेगी
दरअसल, इसके अलावा केंद्रीय कानून राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल इस कमेटी में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे. क़ानून सचिव नितेन चंद्र HLC के सचिव होंगे. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय कमेटी तत्काल प्रभाव से अपना काम शुरू करेगी और जल्द से जल्द अपनी सिफ़ारिशें सरकार को सौंपेगी. लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय और पंचायत के चुनाव देश में एक साथ कराने को लेकर उच्च स्तरीय कमेटी अपनी सिफ़ारिशें देगी.
जानिए क्या काम करेगी कमेटी?
इसके अलावा इन सभी चुनावों में एक मतदाता सूची को भी लेकर उच्च स्तरीय कमेटी अपनी सिफ़ारिशें देगी. कमेटी संविधान संशोधन के सुझावों पर भी जांच और सिफ़ारिश करेगी. वहीं एक देश, एक चुनाव की यह उच्च स्तरीय कमेटी त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव और दल बदल के कारणों पर भी उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर भी समाधान के लिए विश्लेषण और सिफ़ारिश करेगी. यह कमेटी एक देश, एक चुनाव का चक्र ना बिगड़े, इसके लिए आवश्यक संविधान संशोधन की सिफ़ारिश भी करेगी.
सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर भी
यह कमेटी एक साथ चुनाव कराने को लेकर EVM, VVPAT, सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर भी अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी. बता दें कि एक देश, एक चुनाव के मुद्दे पर बहस उस समय ज़्यादा तेज़ हो जब केन्द्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया है. 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. इस दौरान कुल 5 बैठके होंगी. अब देखना यही होगा कि क्या संसद के इस विशेष सत्र से पहले एक देश, एक चुनाव के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी अपनी सिफ़ारिशें सरकार को सौंप देगी.