चंद रुपयों के बदले PAK के लिए की जासूसी, जानें कैसे 'मैडमजी' बना डिफेंस कर्मचारी
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चंद रुपयों के बदले PAK के लिए की जासूसी, जानें कैसे 'मैडमजी' बना डिफेंस कर्मचारी

मिलिट्री इंटेलीजेंस को पता चला कि पाकिस्तानी ऑपरेटिव इस जासूस को 'मैडमजी' कहकर बुलाते हैं. इस शख्स के बारे में सारी जानकारी इखट्टा करने के लिए मिलिट्री इंटेलीजेंस ने एक ऑपरेशन लॉन्च किया जिसका कोड- नाम ऑपरेशन 'मैडमजी' रखा.

(फाइल फोटो)

नई दिल्लीः जासूसी (Spy) के मामले में मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के कर्मचारी को स्पेशल टास्क फोर्स ने हरियाणा के रेवाड़ी से गिरफ्तार किया है. इस शख्स का नाम महेश कुमार है, जो पाकिस्तान के लिए जासूसी करता था. महेश ने फेसबुक के जरिए पाकिस्तानी मिलिट्री इंटेलीजेंस यूनिट (Pakistani Military Intelligence Unit) के पास तमाम तरह की सूचनाएं भेजी हैं. बुधवार (16 सितंबर) को लखनऊ बेस्ड मिलिट्री इंटेलीजेंस और हरियाणा की स्पेशल टास्क फोर्स ने इस जासूस को गिरफ्तार किया है. 

महेश कुमार मूल रूप से हरियाणा के रेवाड़ी का रहने वाला है. STF के डीआईजी सतीश बालन ने बताया कि महेशा को भारतीय सैन्य खुफिया विभाग (Military Intelligence) के एक स्पेशल डेटा के आधार पर अरेस्ट किया गया है. जो कि पाकिस्तानी मिलिट्री इंटेलीजेंस यूनिट के संपर्क में था. महेश पिछले ढाई साल से भारत की तमाम सूचनाएं पाकिस्तानी मिलिट्री इंटेलीजेंस को दे रहा था. सूचनाएं पास करने के लिए महेशा को कई बार पाकिस्तान से पैसे भी मिले. 

जून में लखनऊ मिलिट्री इंटेलीजेंस को उस मोबाइल नंबर का इनपुट मिला था जिसका प्रयोग महेश कुमार कर रहा था. इसी के जरिए एमआई को मालूम चला कि यह शख्स राजस्थान की राजधानी जयपुर में तैनात है. वह 2 साल पहले पाकिस्तान की एक यंग महिला हरलीन गिल से फेसबुक पर मिला था. इस महिला को कुमार मिलिट्री की संदेनदनशील सूचनाएं सोशल मीडिया के जरिए दे रहा था और इस काम के बदले पैसा पा रहा था.

फिर एमआई को पता चला कि पाकिस्तानी ऑपरेटिव इस जासूस को 'मैडमजी' कहकर बुलाते हैं. इस शख्स के बारे में सारी जानकारी इखट्टा करने के लिए मिलिट्री इंटेलीजेंस ने एक ऑपरेशन लॉन्च किया जिसका कोड- नाम ऑपरेशन 'मैडमजी' रखा.

28 साल का यह आरोपी रेवारी के राजेंद्र सिंह का बेटा है जो कि जयपुर में मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) के नागरिक सफाई कर्मचारी (Civilian Cleaning Staff) में था. जांच में पता चला है कि इसकी दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए 3 लोगों से हुई थी जो पाकिस्तानी इंटेलीजेंस ऑपरेटिव फेसबुक अकाउंट को चलाते हैं. उन्हीं के संपर्क में आकर महेश ने जासूसी का काम शुरू किया था.

भारत की सूचनाएं देने के बदले कुमार को पाकिस्तानी हैंडलर्स (Pakistani handlers) से दो बार कम से कम 5,000 रुपये के पेमेंट मिले. आरोपी को एमआई लखनऊ, एसटीएफ हरियाणा और एमआई जयपुर की टीमों द्वारा संयुक्त पूछताछ के लिए भेजा गया है.

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