Farmers Protest: विपक्षी नेताओं और केंद्र सरकार के बीच किसान आंदोलन को लेकर तकरार बढ़ गई है. विपक्षी नेता बीएसपी सुप्रीमो मायावती, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, अभय सिंह चौटाला और पप्पू यादव ने केंद्र सरकार पर किसान आंदोलन को लेकर कई आरोप लगाए हैं.
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नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. यूपी, हरियाणा समेत बिहार से भी नेताओं ने किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रचने का केंद्र सरकार पर आरोप लगाया गया है. जानिए विपक्षी नेताओं ने क्या-क्या कहा?
किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर इंडियन नेशनल लोकदल के सेक्रेटरी जनरल अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chautala) ने ट्वीट करके कहा, 'सरकार शायद भूल गई कि घायल शेर की सांसे, उसकी दहाड़ से भी ज्यादा खतरनाक होती है. किसान विरोधी झुकेंगे भी और टूटेंगे भी. देश के किसानों से निवेदन है कि वो किसान आंदोलन में हिस्सा लें ओर मजबूती से इन काले कानूनों के खिलाफ लड़ें.'
सरकार शायद भूल गई कि घायल शेर की साँसे, उसकी दहाड़ से भी ज्यादा खतरनाक होती है! किसान विरोधी झुकेंगे भी ओर टूटेंगे भी।
देश के किसानों से निवेदन है कि वो किसान आंदोलन में हिस्सा लें ओर मजबूती से इन काले कानूनों के खिलाफ लड़े||#किसान_एकता_जिंदाबाद #FarmerProtest #RakeshTikait— Abhay Singh Chautala (@AbhaySChautala) January 29, 2021
वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने ट्वीट किया, 'बीएसपी ने, देश के आंदोलित किसानों के तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मानने व जनहित आदि के मामलों में भी लगातार काफी ढुलमुल रवैया अपनाने के विरोध में, आज राष्ट्रपति के संसद में होने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.'
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मायावती ने अगले ट्वीट में लिखा, 'साथ ही, कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली आदि में स्थिति को सामान्य करने का केंद्र से पुनः अनुरोध और गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाए. इस मामले में यूपी के बीकेयू व अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई. सरकार ध्यान दे.'
2. साथ ही, कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली आदि में स्थिति को सामान्य करने का केन्द्र से पुनः अनुरोध तथा गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाए। इस मामले में यूपी के बीकेयू व अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई। सरकार ध्यान दे। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) January 29, 2021
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अक्ष्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट किया, 'सबका पेट भरने वाले किसानों को बीजेपी भूखा-प्यासा रखकर व झूठे आरोप लगाकर हराना चाहती है लेकिन चंद भाजपाइयों को छोड़कर सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी आज भी किसानों के साथ खड़े हैं. सपा किसानों के साथ है.'
सबका पेट भरनेवाले किसानों को भाजपा भूखा-प्यासा रखकर व झूठे आरोप लगाकर हराना चाहती है लेकिन चंद भाजपाइयों को छोड़कर सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी आज भी किसानों के साथ खड़े हैं.
सपा किसानों के साथ है!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 29, 2021
उधर बिहार के पटना में जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव दिल्ली में किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर गांधी मैदान में गांधी जी के प्रतिमा के नीचे उपवास पर बैठे हैं. पप्पू यादव ने कहा कि जब हम अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे, तब भी तीन कानून थे और बिल वापस करने के लिए अंग्रेजों को झुकना पड़ा था. आज हमारे देश में हमारे ही लोग अंग्रेजों से भी ज्यादा क्रूर शासक हो गए हैं.
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पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने आगे कहा कि दिल्ली में किसान 2 महीने से बैठे हैं और 133 किसान अभी तक मर चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या उनकी सरकार ने 133 परिवारों में से किसी से भी मुलाकात नहीं की. शिमला से ज्यादा ठंड में हमारी मां-बहनें बैठी हैं, तब आपको हम याद नहीं आए. आपने एक साजिश के तहत किसानों को ट्रैक्टर मार्च करने का आदेश दिया और उसमें अपनी जमात को शामिल किया. ताकि आम आदमी और किसान के बीच टकराव पैदा किया जाए.
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में एक भी दुकान को किसी ने टच तक नहीं किया. लेकिन आईटीओ पर 10,000 किसानों को ले जाने की साजिश किसने रची और जिस किसान का ट्रैक्टर पलटा, क्या आंसू गैस के गोले से अनबैलेंस होने के बाद जुडिशल इंक्वायरी की मांग की गई. सिर्फ किसानों के आंदोलन को कमजोर करने के लिए ट्रैक्टर रैली की इजाजत दी गई.
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