सीजेआई के खिलाफ महाभियोग को लेकर विरोधी दलों में पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी. इस प्रस्ताव को संसद में लाने के लिए कांग्रेस ने कई दलों से बातचीत भी की थी.
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के चार जजों द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद सुर्खियों में आए देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के सामने एक बार फिर मुश्किल खड़ी हो सकती हैं. कांग्रेस उनके खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों को इस महाभियोग का प्रस्तावित ड्राफ्ट भेजा है. एनसीपी ने महाभियोग के इस प्रस्ताव की पुष्टि भी की है. एनसीपी के नेता डीपी त्रिपाठी ने बताया कि कई विपक्षी दलों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी किए हैं. उन्होंने बताया कि एनसीपी और लेफ्ट पार्टियों ने इस प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी भी दे दी है.
काफी समय से हो रही थी तैयारी
सीजेआई के खिलाफ महाभियोग को लेकर विरोधी दलों में पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी. इस प्रस्ताव को संसद में लाने के लिए कांग्रेस ने कई दलों से बातचीत भी की थी. तृणमूल कांग्रेस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, टीएमसी और सीपीआईएम सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा भी की थी. सूत्रों से जानकारी मिली है कि इस प्रस्ताव को राज्यसभा में पेश किया जाएगा. राज्यसभा में पेश करने की वजह बताई जा रही है कि प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 50 सांसदों की सहमति की जरूरत होती है और लोकसभा में विपक्ष के पास यह आंकड़ा नहीं है. राज्यसभा में विपक्ष मजबूत है, इसलिए महाभियोग के इस प्रस्ताव को राज्यसभा में लाया जाएगा.
क्या है वजह
महाभियोग के प्रस्ताव में सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ जनवरी में सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने जो आरोप लगाए थे, उन्हें आधार बनाया जा रहा है. आरोप है कि वरियता के क्रम में काम नहीं दिए जाने से नाराज हुए वरिष्ठ जजों के मुद्दे को सुलझाने में दीपक मिश्रा पूरी तरह विफल रहे हैं.
A lot of opposition parties have signed a draft proposal for moving an impeachment motion against CJI Dipak Misra. Many parties like NCP,Left parties and I think TMC and Congress also have signed it: DP Tripathi,NCP pic.twitter.com/04O8iKwibl
— ANI (@ANI) 27 मार्च 2018
सीजेआई के खिलाफ जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस
इस साल 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर आरोप लगाए थे. न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा द्वारा मामलों के आवंटन समेत कई मामले उठाए थे. जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि 'हम चारों ने प्रधान न्यायाधीश से मुलाकात की और संस्था को प्रभावित करने वाले मुद्दे उठाए.'
सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, चीफ जस्टिस पर लगाए आरोप
जजों ने लगाए आरोप
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने दीपक मिश्रा के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे. इसके लिए उन्होंने एक चिट्ठी भी लिखी थी. चीट्ठी में कहा गया था कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा उस उस परंपरा से बाहर जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत अहम मामलों में फैसले सामूहिक तौर पर लिए जाते रहे हैं. केसों के बंटवारे में चीफ जस्टिस नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की अखंडता को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मामलों को मुख्य न्यायाधीश बिना किसी वाजिब कारण के अपनी प्रेफेरेंस (पसंद) की बेंचों को सौंप देते हैं. इससे संस्थान की छवि बिगड़ी है.