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नई दिल्ली: विदेशों को कोविड-19 वैक्सीन भेजने के मुद्दे पर विपक्ष ने बीजेपी पर निशाना साधा है. इसे लेकर बीजेपी ने सफाई दी है कि पड़ोसी देशों को मदद के लिए वैक्सीन भेजी गईं थीं. इसके साथ ही पार्टी ने तर्क दिया है कि पड़ोसियों को भी बीमारी से सुरक्षित करना हमारी जिम्मेदीरी है.
अब तक करीब 6.6 करोड़ वैक्सीन भारत के बाहर भेजे गए हैं. इसे लेकर विपक्ष ने सवाल उठाया था कि इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीन डोज देश से बाहर क्यों भेजे गए. इस पर बीजेपी ने कहा है कि विदेशों को दो श्रेणियों में वैक्सीन भेजे गए हैं. इसमें पहली श्रेणी मदद की है, जिसके तहत करीब 1 करोड़ वैक्सीन भेजे गए हैं. वहीं बाकी 5 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन कमर्शियल लायबिलिटी के तौर पर भेजे गए हैं.
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बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मुद्दे पर कहा है, 'आम आदमी पार्टी के नेता और Congress के राहुल गांधी इस मुद्दे पर भ्रम फैला रहे हैं. हमने अब तक अपने 7 पड़ोसी देशों राष्ट्रों को 78.5 लाख वैक्सीन डोज मदद के रूप में भेजे हैं. बाकी 2 लाख डोज UN की पीस कीपिंग फोर्स को दिए हैं. '
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के यह कहने पर कि वैक्सीन का Formula ओपन कर दिया जाए. इस पर पात्रा ने कहा, 'वैक्सीन के लाइसेंस का मुद्दा बहुत जटिल मामला है. कोविशील्ड का लाइसेंस एस्ट्राजेनेका के पास है. वहीं कोवैक्सीन का लाइसेंस भारत के पास है, लेकिन इसका निर्माण बहुत अलग तरीके से हुआ है और दूसरी कंपनी में अभी इसका निर्माण नहीं हो सकता है.'
दोनों कंपनियों ने वैक्सीन प्रोडक्शन के लिए कुछ देशों से कच्चा माल लिया था. उन्होंने उन देशों से अनुबंध किए थे, उन्हीं अनुबंधों के तहत 5.5 करोड़ डोज उन्हें भेजे गए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोवैक्स सुविधा में 30 फीसदी वैक्सीन देना अनिवार्य था, लिहाजा वो जिम्मेदारी भी पूरी की गई.
बता दें कि देश में वैक्सीन संकट के बीच हाल ही में केंद्र सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की यूके को 50 लाख वैक्सीन डोज देने की याचिका को ठुकरा दिया है. सरकार ने कहा है कि इन वैक्सीन का फायदा पहले स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए. एसआईआई ये डोज यूके को पहले किए गए अनुबंध के तहत भेजना चाहता था.