पीएम मोदी के लखनऊ दौरे और 'जय श्रीराम' उद्घोष को लेकर सियासत गरमाई
Advertisement

पीएम मोदी के लखनऊ दौरे और 'जय श्रीराम' उद्घोष को लेकर सियासत गरमाई

विजयादशमी के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को लखनऊ की ऐतिहासिक ऐशबाग की रामलीला में शामिल हुए और अपने भाषण की शुरुआत और समापन ‘जय श्रीराम’, ‘जय जय श्रीराम’ के उद्घोष के साथ किया। मैदान में मौजूद जनता ने उनका साथ दिया और पूरे वातावरण में जय श्रीराम का उद्घोष गूंज उठा। पीएम मोदी के इस 'जय श्रीराम' उद्घोष को लेकर अब सियासी घमासान मचा हुआ है। विपक्ष अब पीएम मोदी के इस दौरे को सियासी बता रहा है। वहीं, सबकी निगाहें इस ओर भी टिकी थी कि यूपी के चुनावी महाभारत को देखते हुए मोदी इस मंच से क्या राजनीतिक संदेश देते हैं। हालांकि उन्‍होंने विरोधियों को घेरा लेकिन नाम किसी का नहीं लिया। वे न तो राजनीति पर कुछ बोले और न चुनाव की चर्चा की लेकिन अपने समर्थकों के साथ ही विरोधियों को भी सियासी संदेश दे दिया।

पीएम मोदी के लखनऊ दौरे और 'जय श्रीराम' उद्घोष को लेकर सियासत गरमाई

लखनऊ/नई दिल्‍ली : विजयादशमी के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को लखनऊ की ऐतिहासिक ऐशबाग की रामलीला में शामिल हुए और अपने भाषण की शुरुआत और समापन ‘जय श्रीराम’, ‘जय जय श्रीराम’ के उद्घोष के साथ किया। मैदान में मौजूद जनता ने उनका साथ दिया और पूरे वातावरण में जय श्रीराम का उद्घोष गूंज उठा। पीएम मोदी के इस 'जय श्रीराम' उद्घोष को लेकर अब सियासी घमासान मचा हुआ है। विपक्ष अब पीएम मोदी के इस दौरे को सियासी बता रहा है। वहीं, सबकी निगाहें इस ओर भी टिकी थी कि यूपी के चुनावी महाभारत को देखते हुए मोदी इस मंच से क्या राजनीतिक संदेश देते हैं। हालांकि उन्‍होंने विरोधियों को घेरा लेकिन नाम किसी का नहीं लिया। वे न तो राजनीति पर कुछ बोले और न चुनाव की चर्चा की लेकिन अपने समर्थकों के साथ ही विरोधियों को भी सियासी संदेश दे दिया।

यूपी विधानसभा के मद्देनजर पीएम मोदी के इस लखनऊ दौरे को लेकर तो विपक्ष पहले से ही निशाना साध रहा था, लेकिन अब वे और मुखर हो गए। रामलीला के मंच से मोदी के जय श्री राम के उद्घोष को विरोधी अब सियासी रंग देने में जुट गए हैं। विपक्ष ने पीएम के इस दौरे को पूरी तरह सियासी दौरा बताया। जेडीयू नेता केसी त्‍यागी ने कहा कि पीएम मोदी धर्म के लिए नहीं वोट के लिए गए लखनऊ गए। वहीं, सपा नेता अबु आजमी ने कहा कि पीएम धर्म की राजनीति कर रहे हैं।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री मोदी के लखनऊ में दशहरा मेले में शामिल होने को राजनीति और चुनावी स्वार्थ से प्रेरित कदम बताया। मायावती ने कहा कि मोदी के भाषण में पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सेना की तारीफ में एक शब्द भी नहीं कहना बड़े दुख की बात है। मोदी रामलीला में शामिल होकर जो राजनीतिक और चुनावी संदेश देना चाहते थे, वह रामलीला मैदान के आस-पास लगे बड़े-बड़े पोस्टर, बैनर और होर्डिग में सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता के लिये सेना के बजाय उन्हें श्रेय देने की इबारतों से जाहिर था। यह ग़लत है और पार्टी की गलत नीयत को दर्शाता है। वहीं, सपा महासचिव रामगोपाल यादव का कहना है कि मोदी के लखनऊ आकर विजयदशमी मनाने से यूपी विधानसभा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मोदी चाहे उत्तर प्रदेश में 2 घंटे की यात्रा करें या 200 घंटे की इससे कुछ फर्क पड़ने वाला नहीं है।
 
बीएसपी नेता सुधीन्द्र भदौरिया ने कहा कि ऐसे अवसर पर लखनऊ जाने का मन्तव्य हम समझते हैं मोदी जी ने अपने किए हुए वादों का पालन नहीं किया है। जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि पीएम के भाषण का जो समय है और जो जगह का चयन है उसे उत्तर प्रदेश की राजनीती से जोड़कर देखना गलत नहीं होगा। उत्तर प्रदेश के चुनाव पर कहीं न कहीं प्रधानमंत्रीजी की नजर थी। समाजवादी पार्टी और बसपा पहले से मोदी के लखनऊ आने को सिर्फ और सिर्फ चुनाव से जोड़कर देख रही है।

जेडीयू सांसद अली अनवर ने कहा कि पीएम का यह दौरा ध्रुवीकरण करने की कोशिश है। दूसरी ओर, वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महासचिव प्रवीण तोगड़िया ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री को संसद में कानून पारित करवाकर अयोध्या में राम मंदिर अब बनवाना चाहिए।
 
बता दें कि मोदी के कहने पर 'जय श्रीराम' के नारों से ऐशबाग का रामलीला मैदान गूंज उठा। मोदी यही नहीं रुके, उन्होंने लोगों से कहा कि 'जय श्रीराम' के नारे इतनी जोर से लगने चाहिए की आवाज दूर तक जाए। पीएम के इस दौरे के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। चुनावी मौसम में पीएम मोदी का लखनऊ जाने को लेकर विरोधियों की ओर से राजनीतिक घमासान अभी थमा भी नहीं था कि इसी बीच रामलीला में जयश्री राम के नारे से चुनावी हलचल बढ़ गई। सियासी जानकारी यूपी विधान सभा चुनाव से पहले हिन्दू मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश मान रहे हैं।

Trending news