OROP: पूर्व-सैनिकों के मुख्य संगठन में विभाजन, एक धड़ा अलग
Advertisement
trendingNow1269575

OROP: पूर्व-सैनिकों के मुख्य संगठन में विभाजन, एक धड़ा अलग

‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) को लेकर आंदोलन कर रहे मुख्य संगठन की तीन दिन बाद होने वाली एक रैली से पहले ही आज इसमें फूट पड़ गई और एक मुख्य धड़े ने आंदोलन के राजनीतिक होने का आरोप लगाते हुए इससे अलग होने का फैसला किया।

OROP: पूर्व-सैनिकों के मुख्य संगठन में विभाजन, एक धड़ा अलग

नई दिल्ली : ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) को लेकर आंदोलन कर रहे मुख्य संगठन की तीन दिन बाद होने वाली एक रैली से पहले ही आज इसमें फूट पड़ गई और एक मुख्य धड़े ने आंदोलन के राजनीतिक होने का आरोप लगाते हुए इससे अलग होने का फैसला किया।

इंडियन पूर्व-सैनिक लीग के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) बलबीर सिंह ने कहा, ‘हमने यूनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट (यूएफईएसएम) को अलग होने के अपने फैसले के बारे में बता दिया है। आंदोलन अब तालमेल वाला नहीं रहा।’ ओआरओपी के मुद्दे पर पूर्व-सैनिकों की ओर से सरकार से बातचीत में अहम भूमिका निभाने वाले सिंह ने कहा कि वह जंतर मंतर पर शनिवार को रैली के आयोजन के खिलाफ हैं।

उन्होंने दावा किया कि उनके संगठन में करीब 4.5 लाख सदस्य हैं और उनकी तरफ से कोई भी रैली में भाग नहीं लेगा। कुल मिलाकर करीब 26 लाख पूर्व-सैनिक हैं। सिंह ने कहा कि उनके संगठन के विधान में लिखा है कि उसकी गतिविधियां अराजनीतिक रहेंगी लेकिन बिहार में रैली आयोजित किये जाने के बाद हमें लगता है कि यह हमारे विधान के खिलाफ है।

वह यूएफईएसएम द्वारा बिहार में महारैली के आयोजन की योजना का जिक्र कर रहे थे जिसकी कोई तारीख तय नहीं हुई है। इस बीच यूएफईएसएम ने घटनाक्रम से प्रभावित हुए बिना कहा कि रैली होगी। यूएफईएसएम के मीडिया सलाहकार कर्नल (सेवानिवृत्त) अनिल कौल ने कहा, ‘यह सरकार की हमें अलग करने की कोशिश है। हम रकेंगे नहीं और रैली योजना अनुसार होगी।

यूएफईएसएम के बैनर तले आंदोलन की अगुवाई कर रहे मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सतबीर सिंह से संपर्क नहीं हो सका। सरकार ने पेंशन में विसंगतियों को दूर करने की 43 साल पुरानी मांग को पिछले सप्ताह स्वीकार कर लिया था लेकिन कुछ मुद्दे अब भी बने हुए हैं।

Trending news