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कोलकाता : पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए वामदलों और कांग्रेस के बीच गठबंधन के कयासों के बीच, ऐसा लगता है कि माकपा और अन्य वामदलों के बीच चुनावी रणनीति पर एक राय नहीं है।
राज्य में कांग्रेस नेतृत्व का एक तबका तृणमूल कांग्रेस को हराने के लिए वामदलों के साथ गठजोड़ करने का समर्थक है और बिहार में महागठबंधन द्वारा भाजपा नीत राजग को हराने के बाद इस मुहिम ने और रफ्तार पकड़ी है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रंजन अधीर चौधरी सहित वरिष्ठ नेता पश्चिम बंगाल में गठबंधन के समर्थन में बोल चुके हैं जबकि माकपा को इस पर अभी फैसला करना है। माकपा के नेतृत्व के मुताबिक, पार्टी फिलहाल कोई फैसला करने की स्थिति में नहीं है।
माकपा के एक वरिष्ठ नेता ने यहां कहा, ‘पार्टी अगर बंगाल में कांग्रेस के साथ गठबंधन करती है तो केरल में पार्टी की संभावनाओं पर असर पड़ेगा, जहां पर कांग्रेस माकपा की प्रमुख विरोधी है और उस राज्य में कुछ समय में बंगाल के साथ ही चुनाव होने है।’
उन्होंने कहा कि राज्य के लोग तृणमूल को सत्ता से हटाने के लिए चाहते हैं कि हम धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों के साथ गठबंधन करें जिसमें कांग्रेस भी शामिल है। जब कभी पार्टी नेतृत्व इस मसले पर कोई निर्णय लेगा तो उन्हें जनता की राय और नजरिए को ध्यान में रखना होगा।