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चंडीगढ़: पंजाब पुलिस ने आज दो भाइयों को गिरफ्तार करने के साथ राज्य में पवित्र पुस्तकों को अपवित्र करने के सात मामलों में से एक से पर्दाफाश करने का दावा किया है। दोनों पर जिस घटना को अंजाम देने के आरोप हैं उनमें ऑस्ट्रेलिया के किसी व्यक्ति के तार जुड़े हैं।
फरीदकोट के बरगारी गांव के गुरद्वारे में और बाद में छह अन्य स्थानों पर पवित्र पुस्तक को अपवित्र करने की घटना के बाद एडीजीपी आईपीएस सहोता के नेतृत्व में विशेष जांच दल का गठन किया गया था। एसआईटी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि आरोपी लालच और अमीर बनने की महत्वाकांक्षा के चलते राष्ट्रविरोधी तत्वों के बहकावे में आ गये।
सहोता ने कहा कि फरीदकोट के पंजगराईं गांव के भाइयों रूपिंदर सिंह और जसविंदर सिंह को बरगारी गांव में घटी पहली घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है जहां पुलिस और सिख प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष में दो लोग मारे गये थे।
उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने 14 से 16 अक्तूबर के बीच उनके मोबाइल फोन की बातचीत सुनने के बाद उन्हें हिरासत में लिया।’ पुलिस ने यहां मीडिया के सामने दोनों भाइयों में हुई बातचीत के अंश भी पढ़े। उन्होंने कहा, ‘दोनों भाई ऑस्ट्रेलिया में किसी के साथ संपर्क में थे।’ पुलिस विदेशी शख्स का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
एडीजीपी ने कहा कि घटना में विदेशी तार जुड़े होने समेत जांच के और पहलुओं पर आने वाले दिनों में विस्तार से अध्ययन किया जाएगा। सात घटनाओं में से पांच के सिलसिले में अब तक कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अमृतसर, लुधियाना और तरण तारण की घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है जिनमें एक महिला भी है। सहोता के मुताबिक, ‘वे सभी लोग गुरद्वारे में काम कर रहे हैं। इनमें से कुछ तो ग्रंथी हैं।’ संगरूर के कोरियान गांव की घटना के सिलसिले में उनके मुताबिक सेवादार हरदेव सिंह ने अपना अपराध कबूल भी कर लिया है।