निर्वाचन आयोग ने शशिकला से महासचिव की नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर जवाब देने को कहा
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निर्वाचन आयोग ने शशिकला से महासचिव की नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर जवाब देने को कहा

त्वरित कार्रवाई करते हुए निर्वाचन आयोग ने ओ. पनीरसेल्वम खेमे द्वारा अन्नाद्रमुक की अंतरिम महासचिव के रूप में वीके शशिकला की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर उनसे जवाब मांगा है। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है, यदि वह उत्तर देने में असफल रहती हैं, तो यह ‘मान लिया जाएगा’ कि उनके पास कहने को कुछ नहीं है और वह उसी आधार पर मामले में कार्रवाई करेगा।

निर्वाचन आयोग ने शशिकला से महासचिव की नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर जवाब देने को कहा

नई दिल्ली : त्वरित कार्रवाई करते हुए निर्वाचन आयोग ने ओ. पनीरसेल्वम खेमे द्वारा अन्नाद्रमुक की अंतरिम महासचिव के रूप में वीके शशिकला की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर उनसे जवाब मांगा है। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है, यदि वह उत्तर देने में असफल रहती हैं, तो यह ‘मान लिया जाएगा’ कि उनके पास कहने को कुछ नहीं है और वह उसी आधार पर मामले में कार्रवाई करेगा।

आयोग ने फिलहाल बेंगलुरू के ‘पाराप्पना अग्रहारा जेल में बंद’ शशिकला को नोटिस भेजकर उनसे 28 फरवरी तक जवाब मांगा है। राज्यसभा सदस्य वी. मैत्रेयन के नेतृत्व वाले पनीरसेल्वम खेमे की ओर से शशिकला को महासचिव बनाए जाने के खिलाफ कल दो आवेदन दिए जाने के बाद आयोग ने आज नोटिस जारी किया है।

आवेदनों की प्रति शशिकला को भेजते हुए आयोग ने उनसे 28 फरवरी तक जवाब देने को कहा है। ‘इसमें असफल रहने पर यह मान लिया जाएगा कि आपके पास अपने पक्ष में कहने को कुछ नहीं है और आयोग इस मामले में समुचित कार्रवाई करेगा।’ अन्नाद्रमुक के पनीरसेल्वम खेमे ने शशिकला को पार्टी का महासचिव बनाए जाने को चुनौती देते हुए कल आयोग में आवेदन दिया और कहा कि इसमें नियमों का उल्लंघन हुआ है।

खेमे के 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी और अन्य शीर्ष अधिकारियों से भेंट की और ज्ञापन सौंप कर अनुरोध किया कि वह शशिकला को पार्टी का शीर्ष पद दिए जाने की मंजूरी रद्द करे। प्रतिनिधिमंडल ने अपने 42 पृष्ठों के आवेदन में दावा किया है कि शशिकला का चुनाव पार्टी के संविधान का उल्लंघन है क्योंकि उनका चुनाव पार्टी की आम परिषद् ने किया था न कि प्राथमिक सदस्यों ने।

आवेदन में कहा गया है कि आम परिषद् के पास नीतियां बनाने और कार्यक्रम तय करने का अधिकार है, किसी को महासचिव चुनने का नहीं। गौरतलब है कि शशिकला के विश्वासपात्र और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. के. पलानीस्वामी कल विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने वाले हैं।

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