सीबीआई जांच की विपक्ष की मांग को मानने से इंकार करते हुए कर्नाटक सरकार ने एक ईमानदार आईएएस अधिकारी डीके रवि की मौत की सीआईडी जांच की आज घोषणा की। विधानसभा में इस मुद्दे की गूंज सुनाई पड़ने के बाद सरकार ने यह घोषणा की। उस अधिकारी ने रहस्यमय परिस्थितियों में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
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बेंगलुरू: सीबीआई जांच की विपक्ष की मांग को मानने से इंकार करते हुए कर्नाटक सरकार ने एक ईमानदार आईएएस अधिकारी डीके रवि की मौत की सीआईडी जांच की आज घोषणा की। विधानसभा में इस मुद्दे की गूंज सुनाई पड़ने के बाद सरकार ने यह घोषणा की। उस अधिकारी ने रहस्यमय परिस्थितियों में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी भाजपा और जद (एस) के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और धरना दिया। उन्होंने ईमानदार अधिकारियों की रक्षा करने में विफल रहने को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विपक्ष के यह मुद्दा उठाने के बीच सिद्धारमैया ने कहा कि पुलिस के ब्योरे के अनुसार यह प्रथम दृष्टया आत्महत्या का मामला है लेकिन सरकार अधिकारी की मौत के पीछे के रहस्य का पता लगाने के लिए निष्पक्ष तरीके से मामले की जांच करेगी।
सिद्धारमैया ने कहा, ‘यह आत्महत्या है या हत्या या उनकी किसी और वजह से मौत हुई है, हम भी सच्चाई जानना चाहते हैं। लोगों को इस बारे में जानना चाहिए।’ सिद्धारमैया ने कहा कि नगर पुलिस भी सक्षम है। उन्होंने विपक्ष की ओर से विरोध प्रदर्शन के बीच कहा कि मामले की जांच सीआईडी करेगी और ‘वह सचाई सामने लाएगी। हम निष्पक्ष जांच कराएंगे।’ विपक्ष इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है लेकिन उसकी यह मांग नहीं स्वीकार की गई।
गृह मंत्री के जे जॉर्ज ने यह भी कहा कि प्राथमिक रिपोर्ट को अगले 15 दिनों में सदन के समक्ष रखा जाएगा। जॉर्ज के इस बयान पर विपक्ष ने विरोध जताया जिसमें कहा गया था कि पुलिस को प्राथमिक जांच में कुछ सुराग मिले हैं कि कुछ निजी कारणों से आत्महत्या की गई। इससे पहले, विपक्षी भाजपा के नेता जगदीश शेट्टार ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी क्योंकि उन्हें हत्या का संदेह है, न कि आत्महत्या का, जैसा पुलिस ने दावा किया है।