सारदा घोटाले में न्यायिक हिरासत में भेजे गए श्रृंजय बोस
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सारदा घोटाले में न्यायिक हिरासत में भेजे गए श्रृंजय बोस

नगर की एक अदालत ने तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य श्रृंजय बोस को सीबीआई के अनुरोध पर न्यायिक हिरासत में भेज दिया जिसने उन्हें करोड़ों रुपए के सारदा चिटफंड घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था।

कोलकाता : नगर की एक अदालत ने तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य श्रृंजय बोस को सीबीआई के अनुरोध पर न्यायिक हिरासत में भेज दिया जिसने उन्हें करोड़ों रुपए के सारदा चिटफंड घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था।

बोस की जमानत याचिका को खारिज करते हुए अलीपुर अदालत के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट किंशुक साधु ने उन्हें पांच दिसम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

बोस 21 नवम्बर को गिरफ्तार होने के बाद से ही सीबीआई की हिरासत में थे और उन्होंने आग्रह किया था कि वह बीमार हैं इसलिए उन्हें रिहा कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि वह अदालत की शर्तों का पालन करेंगे।

सीबीआई के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि बोस को न्यायिक रिमांड पर भेजा जाए और दावा किया कि वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं और अगर उन्हें जमानत पर रिहा किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

पूछताछ के लिए बोस को सात दिनों तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेजा गया था। सांसद ने अपने वकील के माध्यम से दायर हलफनामे में बताया कि वह सारदा समूह के सौदे से किसी भी तरह से नहीं जुड़े थे और इसके अखबार ‘संगबाद प्रतिदिन’ के संपादक और प्रकाशक के रूप में वह केवल खबरों को लेकर सेवा प्रदाता थे।

अभियोजन ने कहा कि सारदा समूह ने ‘संगबाद प्रतिदिन’ को काफी धन दिया था जिसे विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जुटाया गया जिसमें से एक बड़े हिस्से की हेराफेरी की गई।

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